पटना, 2 अगस्त। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) की कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक रविवार, 3 अगस्त को बुलाई गई है, लेकिन इस बैठक को लेकर चर्चाओं का दौर तेज है। माना जा रहा है कि यह सिर्फ एक नियमित बैठक नहीं, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों की बिसात बिछाने की तैयारी है।
सबसे पहले चर्चा इस बात की है कि आमतौर पर ऐसी बैठकें बीसीए कार्यालय परिसर के सभागार में होती हैं, लेकिन इस बार स्थल बदला गया है—बैठक एक होटल में होने जा रही है। इसका सीधा संकेत है कि इस बैठक में प्रतिभागियों की संख्या ज्यादा होगी, और यह केवल कमेटी ऑफ मैनेजमेंट तक सीमित नहीं रहेगी।
क्या यह है असली मंशा?
सूत्रों की मानें तो यह बैठक वस्तुतः एक “मिनी एजीएम” की तरह है। चर्चा है कि उन सभी जिलों की कमेटी ऑफ मैनेजमेंट को बुलाया गया है, जहां हाल ही में चुनाव संपन्न हुए हैं। आमतौर पर बीसीए की वार्षिक आम सभा (AGM) में जिलों से एक प्रतिनिधि आता है, लेकिन इस बार कई जिलों से पूरी कमेटी को बुलाए जाने की बात कही जा रही है।
चर्चा है कि यह कदम आगामी बीसीए चुनावों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जो अगले महीने संभावित हैं। यह भी कहा जा रहा है कि जिन जिलों में चुनाव हुए हैं, वहां से बीसीए मौजूदा प्रबंधन के करीबी लोग जीतकर आए हैं। ऐसे में उनकी वफादारी तय मानी जा रही है। क्रिकेट जगत में चर्चा यह भी है कि यदि कोई प्रतिनिधि ‘लाइन में’ नहीं चलता तो उसका नाम बीसीए वेबसाइट पर नहीं डाला जाएगा या फिर उस जिले पर एडहॉक कमेटी बैठा दी जाएगी—जैसा पहले भी हो चुका है।
चुनाव की तैयारी या सद्भावना मुलाकात?
सूत्रों के अनुसार, बैठक में पुराने जिलों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है ताकि आगामी चुनावों को लेकर राय-मशविरा किया जा सके। प्रयास यही है कि कोई टकराव न हो और अधिकतम सहमति से निर्णय हों। हकीकत क्या है, यह तो बैठक के बाद ही साफ हो पाएगा।
आधिकारिक एजेंडा क्या कहता है?
बीसीए की वेबसाइट पर डाले गए सूचना के अनुसार बैठक दोपहर 2 बजे से शुरू होगी। एजेंडे में चार मुख्य बिंदु हैं:
बीसीसीआई टूर्नामेंट में भागीदारी और मेजबानी पर चर्चा।
बजट और खर्चों पर विचार-विमर्श।
‘रजिस्ट्रेशन/कनवर्सेशन विथ आरओसी’—यह संकेत है कि बीसीए कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में है। यह मुद्दा इन दिनों सोशल मीडिया पर भी खासा चर्चा में है।
वेंडर की नियुक्ति या उनके अनुबंध का नवीनीकरण।