विराट कोहली ने आखिरकार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की। 18वें साल में 18 नंबर की जर्सी ने अपनी किस्मत बदली। अहमदाबाद में 3 जून यानी मंगलवार को विराट पसीने से भीगे हुए थे। वह थोड़े impatient नजर आ रहे थे क्योंकि उनके और आरसीबी के पहले आईपीएल खिताब का सफर सिर्फ एक ओवर दूर था।
20वें ओवर में जोश हेजलवुड ने शानदार गेंदबाजी की और आरसीबी की जीत की राह आसान बना दी। कोहली की आँखें भर आईं और आँसुओं ने उनका चेहरा भिगो दिया। उन्होंने अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया। टीम के साथी उनके चारों ओर जमा हो गए और जश्न मनाने लगे। आखिरकार 18 साल की उम्मीद पूरी हुई और उनका इंतजार खत्म हुआ। यह पल खिलाड़ियों और टीम के लिए सबसे भावुक था। वर्षों की असफलताओं और निराशाओं को पीछे छोड़ दिया गया। विराट कोहली को वह खिताब मिला, जिसकी उन्होंने कई सालों से ख्वाहिश की थी। यह उनके करियर का सबसे खास पल था।
कोहली और आरसीबी का सफर तब शुरू हुआ, जब आईपीएल पहली बार शुरू हुआ था। 18 साल पहले, युवा और उत्सुक कोहली, जो पश्चिम दिल्ली का लड़का था, जीत का जुनून लेकर मैदान में उतरा था। उस समय आरसीबी में राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और जाक कैलिस जैसे बल्लेबाज थे।
आरसीबी ने कोहली पर भरोसा दिखाया और पूर्व मालिक विजय माल्या ने उन्हें खेलने की पूरी आजादी दी। 2011 में, कोहली ने टीम की कमान संभाली। महज 22 साल की उम्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी उनके कदम नहीं डिगा सकी। 12 साल और 143 मैचों के बाद, कोहली ने टीम का नेतृत्व संभाला। बेंगलुरू के प्रशंसकों से उनका संबंध मजबूत होता गया। उनकी मेहनत और भावना के कारण हर क्रिकेट प्रेमी आरसीबी का फैन बना।
जब धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बने, तब वे विश्व कप विजेता भारतीय कप्तान थे। लेकिन कोहली का रिश्ता आरसीबी से मजबूत होता गया। चेन्नई ने 5 बार आईपीएल जीता। मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद ने भी खिताब जीते।
कोहली ने कभी अपने साथियों या टीम से रिश्ता तोड़ने का नही सोचा। दर्शकों का प्यार और उनका जुनून ही उनके लिए प्रेरणा रहा। एक सपना हमेशा उनके मन में था— आरसीबी के लिए आईपीएल खिताब जीतना।
सालों से वह इस पल का इंतजार कर रहे थे। आखिरकार, विराट कोहली, जो इस क्रिकेट के सबसे बड़े शो मैन माने जाते हैं, को आईपीएल का ताज मिला। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं। दुनिया भर के आरसीबी प्रशंसक इस पल को कभी नहीं भूल पाएंगे।

