दुबई, 22 फरवरी। कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम रविवार को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप ए के हाई वोल्टेज मुकाबले में जब मैदान पर उतरेगी तो उसका इरादा पिछली हार का हिसाब बराबर करने के साथ सेमीफाइनल में जगह सुनिश्चित करने का होगा।
बांग्लादेश के खिलाफ मिली जीत से भारतीय टीम उत्साह से लबरेज है, वहीं पाकिस्तान को अपने शुरुआती मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था और 23 फरवरी को भारत के खिलाफ होने वाले मैच पाक के लिये करो या मरो की स्थिति वाला होगा क्योंकि अगर उसे भारत से हार मिलती है तो उसके लिए टूर्नामेंट में आगे की डगर काफी मुश्किल हो जायेगी।
वर्ष 2017 के चैंपिंयंस ट्राफी फाइनल में भारत को पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और यह मैच भारत के लिए हिसाब बराबर करने का भी होगा।
कप्तान रोहित शर्मा ने पिछले मैच में तेज रफ्तार शुरुआत कर अपनी फार्म वापसी के संकेत दे दिये थे जो भारतीयों के लिए सुकून भरा है हालांकि स्टार बल्लेबाज विराट कोहली को चिर प्रतिद्वंदी के खिलाफ सर्वस्व झोंकना होगा। विराट की बल्लेबाजी पर करोड़ों भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदें टिकी होंगी। शुभबन गिल बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ कर अपनी विश्वनीयता साबित कर चुके हैं और कल के मैच में उनकी भूमिका काफी अहम रहने वाली है।
मोहम्मद शमी एक बार फिर अपने धारदार गेंदबाजी से पाकिस्तानियों के लिये मुसीबत का सबब बन सकते है। शमी पिछले मैच में बांग्लादेश के पांच विकेट झटक कर अपनी श्रेष्ठता साबित कर चुके हैं। हर्षित राणा उनके मजबूत सहयोगी बनेंगे वहीं हार्दिक पांड्या बीच के ओवर में पाकिस्तान बल्लेबाजी की परीक्षा लेंगे। स्पिन को मदद देने वाली पिच पर भारत अपने स्पिन आक्रमण में कोई फेरबदल करना पसंद नहीं करेगा।
दूसरी ओर चोटिल फखर जमा के चैंपिंयंस ट्राफी से बाहर होना पाकिस्तान टीम के लिये बड़ा झटका माना जा सकता है वहीं बाबर आजम की फॉर्म भी पड़ोसी देश की टीम के लिये चिंता का सबब बन सकता है। बाबर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच में धीमी गति से 64 रन बनाये थे। फखर जमां की जगह इमाम उल हक को चुना गया है। मध्य क्रम के बल्लेबाज खुशदिल शाह पाकिस्तान के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते है।
इन सबके बावजूद पाकिस्तान को भारत हल्के में लेने की भूल नहीं करेगा। इतिहास बताता है कि पाकिस्तान एक मैच हारने के बाद पलटवार करने में सक्षम है और उसकी इसी ताकत उसे मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत टीम बनाती है। कीवी टीम के खिलाफ बेअसर साबित हुये पाकिस्तान के गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजी पर दवाब बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
पाक के लिये हालांकि यह काफी आसान नहीं होगा। पाकिस्तान को यहां के माहौल और परिस्थितियों से तालमेल बैठाने में कुछ समय लग सकता है जबकि भारतीय टीम अपना एक मुकाबला इस मैदान पर खेल चुकी है। दोनो टीमों के लिये यहां काफी समर्थन है और दर्शक मैच का लुफ्त उठाने के लिये दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का रुख करेंगे।