पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने बयान जारी कर कहा है कि कोरम के अभाव में 30 दिसंबर 2022 के स्थगित बीसीए की कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक के बाद से बीसीए संविधान के तहत कोई भी कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक नहीं हुई है और संविधान के तहत बीसीए के किसी प्रकार की बैठक आहूत करने का एकमात्र अधिकार सचिव अमित कुमार को प्राप्त है। तो फिर कौन सा बैठक और कैसा निर्णय?
बल्कि जिन पद लोभियों को अनैतिक, अनाधिकार व असंवैधानिक कार्यों के साथ- साथ फर्जी दस्तावेज बनाने और चयन प्रक्रिया में धांधली को देखते हुए सदन ने कार्य पर रोक लगाया और बर्खास्त किया वहीं कुछ लोगों को कनफ्लिक्ट्स ऑफ इंटरेस्ट के मामले में बीसीए के माननीय लोकपाल महोदय ने दोषी करार देते हुए पद मुक्त कर बीसीए के किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर रोक लगाते हुए 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित करने का फरमान जारी किये है।
वैसे लोगों की मुंह से खुद को बीसीए कमेटी ऑफ मैनेजमेंट का पदाधिकारी कहना हास्यास्पद है या यूं कहें कि फर्जी कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक का नाम देकर एक फर्जी नोटिस के माध्यम से अपनी गीदड़भभकी से पूर्व की भांति जिला संघ के पदाधिकारियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है और जिला संघ ऐसी गीदड़भभकियों से अब पूरी तरह बेअसर है।
वहीं दूसरी ओर कृष्णा पटेल बीसीए उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ओमप्रकाश तिवारी की याचिका संख्या 1020/2023 में किस बात का जिक्र है? वैसे लोग जो तथ्य छुपाकर बात करने वाले गिरोह है इस विषय का खंडन करें और दिनांक 25 /04 /2023 को पटना उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में 45 दिनों के अंदर जिलाधिकारी पटना को बीसीए का जांच पूरी कर विधि सम्मत कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया था।
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जिसके उपरांत माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मद्य-निषेध, उत्पादन एवं निबंधन विभाग बिहार सरकार के द्वारा दिनांक 08/06/ 2023 को जारी पत्रांक संख्या 425 एवं दिनांक 09/06 /2023 के पत्रांक संख्या 426 में याचिका संख्या 1020/ 2023 में वर्णित विषय के मद्देनजर बीसीए उपचुनाव जिलाधिकारी की निगरानी में संपन्न कराने का जिक्र है। जबकि पत्रांक संख्या 9573 में दिनांक 05/07/2023 को जारी पत्र में संबंधित विभाग से बीसीए उपचुनाव में तीन पदों पर होने वाली चुनाव में पर्यवेक्षक नियुक्त करने को लेकर मार्गदर्शन प्राप्त करने का जिक्र है और सभी कार्य संवैधानिक रूप से आगे भी बढ़ रही है।
लेकिन जालसाजों द्वारा लगातार तरह-तरह के मनगढ़ंत और तथ्यहीन कहानी सिर्फ इस डर से परोसा जा रहा है कि कहीं ना जो 6 से 8 जिला संघ के लोग मेरे इशारे पर मेरे पीछे-पीछे घुमते फिर रहे हैं कहीं वो लोग भी ना मेरी सच्चाई जानने के बाद मुझे छोड़कर सचिव अमित कुमार द्वारा किए जा रहे संवैधानिक कार्यों से प्रभावित होकर उस खेमे से जुड़ जाएंगे ।
वैसे यह सर्वविदित है कि 4 फरवरी 2023 को जिला संघों के विशेष आग्रह पर आहूत विशेष आम सभा की बैठक में निवर्तमान अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के कार्य पर रोक लगाते हुए जांच कमेटी गठित कर दी गई थी।
जबकि दिनांक 4 जून 2023 को हुई बीसीए की वार्षिक आमसभा में सदन के सम्मानित सदस्यों ने जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद कार्य पर रोक अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को पद से बर्खास्त कर दिया है। तो जो लोग बीसीए सदन और लोकपाल महोदय से विभिन्न प्रकार के आरोपों में खुद बर्खास्त किए जा चुके हैं वैसे लोगों द्वारा फर्जी कमेटी ऑफ मैनेजमेंट का नाम देकर फर्जी नोटिफिकेशन के माध्यम से अपना अस्तित्व बचाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने को लेकर जिला संघों को दिग्भ्रमित करने का एकमात्र गीदड़भभकी है।
जरा कोई बताए कि निवर्तमान उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, निवर्तमान संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी, निवर्तमान आईसीए मेंबर महिला खिलाड़ी प्रतिनिधि लवली राज व पुरुष खिलाड़ी प्रतिनिधि विकास कुमार रानू पर कनफ्लिक्ट्स ऑफ इंटरेस्ट का मामला गलत है और सदन द्वारा बहाल बीसीए लोकपाल महोदय का आदेश भी।
सच्चाई तो यह है कि पद लोभियों को अपना पद गंवाने का बहुत दुःख है और इसीलिए उस पीड़ा में तरह-तरह का कीड़ा काटने लगा है और दिन- रात जिला संघ के पदाधिकारियों को फोन कर तरह- तरह प्रलोभन दे रहे हैं फिर भी कोई जिला असंवैधानिक कार्यों का साथ देने से साफ इंकार कर दे रहा है जिससे बीसीए उपचुनाव ज्यों- ज्यों नजदीक आती जा रही है इनकी बौखलाहट और बेचैनी अत्यधिक बढ़ती हीं जा रही है। इस चट्टानी एकता के लिए जिला संघ के सम्मानित पदाधिकारीगण विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं।