चांग्झू (चीन)। विश्व चैंपियन पीवी सिंधू मंगलवार से यहां शुरू हो रहे 1000000 डॉलर इनामी चीन ओपन विश्व टूर सुपर 1000 टूर्नामेंट में जब भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी तो उनकी नजरें एक बार फिर अपना दबदबा बनाकर खिताब जीतने पर टिकी होंगी।
दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने पिछले महीने स्विट्जरलैंड के बासेल में विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक का भारत का लंबा इंतजार खत्म किया।
सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप के लगातार तीसरे फाइनल में खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी।
चीन ओपन 2016 की विजेता हैदराबाद की 24 साल की सिंधू अपने अभियान की शुरुआत चीन की ली शुररुई के खिलाफ करेंगी जो पूर्व ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी हैं।
सिंधू ने 2012 में चीन ओपन में तत्कालीन ओलंपिक चैंपियन शुएरुई को हराकर सुर्खियां बटोरी थी।
चीन की दुनिया की 20वें नंबर की खिलाड़ी शुएरुई ने सिंधू के खिलाफ अब तक छह मुकाबलों में से तीन में जीत दर्ज की है जबकि तीन में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
सिंधू अगर पहले दौर की बाधा पार करती हैं तो उन्हें कनाडा की मिशेल ली से भिड़ना पड़ सकता है जो 2014 से इस भारतीय खिलाड़ी को हराने में नाकाम रही हैं। सिंधू अगर आगे बढ़ी तो क्वार्टर फाइनल में उनका सामना चीन की तीसरी वरीय और आल इंग्लैंड चैंपियन चेन यूफेई से हो सकता है।
विश्व चैंपियनशिप में खिताबी जीत के बाद सिंधू की नजरें चीन ओपन पर
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