पटना। बिहार क्रिकेट में सेलेक्शन प्रक्रिया को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते हैं। सेलेक्शन प्रक्रिया पर सवाल तो उठेंगे ही क्योंकि कुछ ऐसे प्लेयरों का नाम सुरक्षित में डाल दिया जाता है जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं रहती है। खैर सेलेक्शन प्रक्रिया की बात तो छोड़िए वैसे जिला संघों के पदाधिकारियों के बारे में क्या कहेंगे जिसने वैसे प्लेयरों की लिस्ट सेलेक्शन प्रक्रिया के लिए भेज दी जो जिला के सीनियर टीम में जगह बनाने से वंचित रह गए। जिला टीम की बात को छोड़िए कैंप के लिए घोषित 62 शार्टलिस्टेड प्लेयरों की लिस्ट में जिनका नाम नहीं है उनका नाम जिला की ओर बीसीए के सेलेक्शन ट्रायल के लिए अग्रसारित कर दिया और वह खिलाड़ी विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने वाली बिहार टीम के चयन के लिए आयोजित प्रिपेट्री कैंप का हिस्सा हैं।

यह लिस्ट शिवहर जिला के द्वारा हेमन ट्रॉफी के लगाए कैंप का है। इस 62 प्लेयरों की लिस्ट में बीसीए कैंप के लिए शिवहर जिला की ओर से चयनित दो प्लेयरों का नाम कहीं नहीं दिख रहा है।
शिवहर के अधिराज जोहरी और गौरव जोशी शिवहर जिला की ओर से इस कैंप में हिस्सा लिया और शार्टलिस्टेड प्लेयरों की लिस्ट में शामिल हैं। उसी तरीके से अरुण कुमार मधुबनी जिला हेमन ट्रॉफी टीम का हिस्सा नहीं थे।
इस तरह सहरसा से वरुण सिंह, मुंगेर से कृष्णा तोमर, गोपालगंज से मो. एजाज रिजवी, शेखपुरा जिला से शिवम त्यागी, सारण से साहिल सिन्हा हेमन ट्रॉफी में खेलने वाली जिला टीम का हिस्सा नहीं थे। प्रश्न यह उठता है कि जिस प्लेयर का नाम जिला टीम में नहीं था उसका नाम जिला संघों द्वारा किस आधार पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को कैंप के लिए भेजा गया। प्रश्न उठना जायज है कि क्योंकि जिन प्लेयरों ने जिला टीम तो छोड़िए उसके कैंप में हिस्सा नहीं लिया। हो सकता है उस जिला के घरेलू लीग में भी नहीं खेले हों उनका नाम जिला संघों ने किस आधार पर भेज दिया। खेलढाबा.कॉम किसी भी प्लेयर की प्रतिभा और क्षमता पर कोई सवाल नहीं खड़ा है। इस संबंध में जिला संघों और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से प्रतिक्रिया आनी अभी बाकी है।