नईदिल्ली, 7 जून। जूनियर स्तर पर अधिक उम्र के पहलवानों पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) नेशिकंजा कसा है और 30 पहलवानों को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है।
डब्ल्यूएफआई ने पिछले महीने 400 से अधिक मामलों की जांच के बाद यह कदम उठाया है। निलंबित किये गए पहलवानों में ज्यादा हरियाणा के हैं जो दिल्ली का पता देकर अपना आयु प्रमाण पत्र बनाया था।
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दिल्ली के अखाड़ों के प्रशिक्षकों और पहलवानों की शिकायतों पर डब्ल्यूएफआई ने कार्रवाई की। दिल्ली के अखाड़ो के प्रशिक्षकों ने शिकायत किया था कि हरियाणा के कई पहलवानों ने फर्जी प्रमाण पत्र हासिल करके यह दिखाया है कि वे राष्ट्रीय राजधानी में पैदा हुए हैं और जूनियर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के पात्र हैं। इनमें दो पहलवान ऐसे हैं जिन्होंने हाल में बिहार में आयोजित खेलो इंडिया खेल में पदक जीते थे।
डब्ल्यूएफआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि हम पहलवानों का कैरियर खराब नहीं करना चाहते, इसलिए हमने उन्हें जूनियर स्तर की प्रतियोगिताओं जैसे अंडर-18 और कैडेट स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। अगर वे 18 वर्ष से अधिक उम्र के हैं तो उन्हें सीनियर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्हें अपने मूल राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि उन्हें डब्ल्यूएफआई से अपने कृत्य और धोखाधड़ी के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। हम उनके मामलों पर विचार करेंगे। यह कुछ समय से चल रहा है। पिछले 30-40 दिनों में हमने एक-एक करके लगभग 30 ऐसे पहलवानों को निलंबित किया है।
डब्ल्यूएफआई अधिकारी ने कहना है कि इनमें से अधिकतर पहलवानों ने हरियाणा में अपने प्रशिक्षकों के बहकावे में आकर दिल्ली के नरेला और रोहिणी क्षेत्र से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए रिश्वत दी। उन्होंने कहा कि ऐसे 436 मामलों में से करीब 300 मामले नरेला क्षेत्र से थे, जबकि बाकी मामले सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी जैसे क्षेत्र से थे जो रोहिणी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इनमें से अधिकतर पहलवान बेगमपुरा से आयु प्रमाण पत्र हासिल कर रहे थे।
अधिकारी ने कहा कि वे सभी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे, क्योंकि हरियाणा की टीम में चयन होना आसान नहीं है। हमने शिकायतें मिलने के बाद एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड से संपर्क किया तथा जांच और सत्यापन के बाद यह साबित हो गया कि उनके प्रमाण पत्र फर्जी थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए कोच जिम्मेदार हैं।
वे चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतें। इसी लालच के कारण वे अधिक उम्र के पहलवानों को जूनियर स्तर पर खेलने के लिए भेजते हैं। डब्ल्यूएफआई ने भी खेलो इंडिया की तकनीकी समिति को बताया था कि एक महिला पहलवान को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पेश करने के कारण प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था।

