दूसरे सुपर ओवर में महाकाली सुपर जायंट्स ने 9 रन बनाए जबकि जबकि विद्या विहार वायकिंग्स ने सुपर ओवर में 10 रन बनाकर यह सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में प्रवेश किया।
प्लेयर ऑफ द मैच सुभाष चंद्रा को चुना गया जिसे पुर्णिया जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मो शमी अहमद ने पुरुष्कृत किया।
इससे पहले शनिवार को पूर्णिया जिला क्रिकेट संघ के तत्वावधान में खेली जा रही पूर्णिया चैलेंजर्स लीग का दूसरा सेमीफाइनल रोमांचक दौर में पहुंच गया था
निर्धारित 21 ओवर ओवर में दोनों टीमों ने 214-214 रन बनाये। सुपर ओवर में दोनों ने 14-14 रन बनाये। और परिणाम के लिए दूसरा सुपर ओवर लिया जा रहा है। इस मैच में 14 का ऐसा चक्कर है कि टीमें उससे पार नहीं पा रही हैं।
खबर है कि पूर्णिया में बारिश शुरू हो गई है। अंपायर ने अभी कोई निर्णय नहीं दिया है। दूसरा सुपर ओवर कल खेला जाए।
सुपर ओवर में गेंद में महाकाली सुपर जायंटस के इजहार के पास थी। पहली गेंद पर आकाश राज का विकेट मिला। विद्या विहार वाय किंग्स ने सुपर ओवर में दो विकेट खोकर 14 रन बनाये और महाकाली सुपर जायंटस को 15 रन का लक्ष्य दिया।
15 रन के लक्ष्य का पीछा करती हुई महाकाली सुपर जायंटस ने पहली गेंद पर 3 रन बनाये। दूसरी गेंद पर कोई रन नहीं। तीसरी गेंद पर चौका सकीबुल गनि ने मारा। चौथी गेंद पर फिर सकीबुल गणि ने चौका मारा। गेंद वाचस्पति के हाथों में थी। पांचवीं गेंद पर सकीबुल गनि ने 1 रन लिया। अंतिम गेंद पर जीत के लिए तीन रन की जरुरत थी पर राजेश सिंह ने दो रन लिये और एक बार मुकाबला टाई हो गया।
टॉस विद्या विहार वाय किंग्स ने जीता और पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया। टॉस हार कर पहले बैटिंग करते हुए महाकाली सुपर किंग्स ने 21 ओवर में नौ विकेट पर 214 रन बनाये।
महाकाली सुपर जायंटस की ओर से सकीबुल गणि ने 46,नीतीन कुमार साहा ने 29, विजय भारती ने 43, सचिन कुमार सिंह ने 13,इमरान नजीर ने 26 रन, सोनू यादव ने 25 रन बनाये। अतिरिक्त के सहारे 19 रन बने।
विद्या विहार वाय किंग्स की ओर से वाचस्पति ने 34 रन देकर दो, सुभाष चंद्रा ने 40 रन देकर दो, अमित कुमार ने 49 रन देकर दो, रिषि पराशर ने 29 रन देकर 1, भास्कर दूबे ने 39 रन देकर दो विकेट चटकाये।
जवाब में विद्या विहार वाय किंग्स ने निर्धारित 21 ओवर में सभी विकेट 214 रन बना लिये। सुभाष चंद्रा ने 63, मोनू कुमार ने 54, आकाश राज ने 25, भास्कर दूबे 34 रन बनाये। विद्या विहार वाय किंग्स का निचला क्रम पूरी तरह फेल रहा। अंतिम ओवर में विद्या विहार को जीत के लिए तीन रन की जरुरत थी उसके बल्लेबाज नाकाम रहे। दो रन बने और तीन विकेट गिर गए और अंतत: मैच टाई हो गया। इसके बाद सुपर ओवर का सहारा लिया गया।