Wednesday, October 8, 2025
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बालू पर दौड़ कर बिहार के इस लाल ने जीता था एशियाड में गोल्ड

by Khel Dhaba
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आज 11 जुलाई है। यह दिन बिहार ही नहीं पूरे देश के खेल जगत के लिए खास दिन है। खास होने का कारण यह है कि आज के ही दिन वर्ष 1946 में बिहार के बक्सर जिला के मंझरिया गांव के भरदुल सिंह के घर पैदा हुए एक लाल ने अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में देश का परचम लहराया था। इस लाल का नाम है शिवनाथ सिंह। यह वर्ष उनकी जयंती का 75वां वर्ष है।

हालांकि वर्तमान समय में वे हमारे बीच नहीं है। भगवान ने भी इस होनहार लाल को अपने पास जल्द ही भूला लिया। वर्ष 2003 में 6 जून को जमशेदपुर में शिवनाथ सिंह ने 57 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।

शिवनाथ सिंह ने गंगा किनारे अपने गाँव के दियारा मे बालू पर दौड़ की प्रैक्टिस कर ही वर्ष 1974 के तेहरान एशियाड मे 14 मिनट साढ़े 20 सेकेंड मे पांच हजार मीटर की दौड़ पुरी कर इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। इसी एशियाड में उन्होंने 10 हजार मीटर की दौड़ में भी रजत पदक जीता था। उललेखनीय यह है कि दोनों ही स्पर्धाओं में वे नंगे पांव दौड़े।

शिवनाथ सिंह ने 1973 के फिलिपिंस एथेलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीता था।इनके आसाधारण प्रतिभा के कारण एवं खेल प्रदर्शन के कारण वर्ष 1975 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। वर्ष 1978 में 16वीं ऑल इंडिया ओपन प्रतियोगिता की मैराथन दौड़ को दो घंटा 12 मिनट में पूरा कर एशिया में रिकार्ड बनाया। 1976 के मोंट्रिल ओलंपिक मैराथन (42.196 किलोमीटर) में 11वां स्थान प्राप्त किया था।

शिवनाथ सिंह का जलवा पूरे विश्व में था तभी तो वर्ष 1975 में इंडो-जपान दौड़ में उनकी प्रतिभा को देखते हुए जापान सरकार ने जापान की नागरिकता देने का प्रस्ताव दिया था मगर अपनी मिट्टी से लगाव और देश प्रेम के कारण ही उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

5 हजार मीटर और 10 हजार मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड आज भी स्व.शिवनाथ के नाम है। सेना में नायब सूबेदार रहते हुए राष्ट्रपति से विशेष सेवा मेडल पाने वाले वे बिहार के इकलौते एथलीट हैं।

इतनी उपलब्धियों के बाद भी बिहार के लाल को अपना ही प्रदेश भूल गया। कुछ खेल प्रेमी कभी-कभी इन्हें याद जरूर कर लेते हैं पर सरकारी अलमा इन्हें कभी नहीं याद करता है। पर बिहार के बाहर इनकी इतनी कद्र अभी भी कायम है तभी तो वर्ष 2020 से इनकी जयंती पर असम और हिमाचल प्रदेश की सरकार रनर्स डे मना रही है। गोवा में इनकी जयंती पर पिछले साल रनर्स डे का आयोजन किया गया था।

बिहार में शिवनाथ सिंह की उपलब्धियों को सहेजने और पुनर्जीवित करने में रजनीकांत फाउंडेशन के सचिव और भोजपुरिया जनचेतना मंच के संरक्षक सतीश चंद्र त्रिपाठी लगे हैं। उनका कहना है कि हमारा दुर्भाग्य है कि आज की युवा पीढ़ी तक हम इस महान हस्ती के बारे में जानकारियां नहीं पहुंचा रहे हैं जिससे वे प्रेरित हों।

बॉलीवुड के डायरेक्टर और एक्टर मिलिंद सोमन ने एक इंटरव्यू में पूछा गया कि आप किस विषय पर फिल्म बनाना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा था कि बिहार के रहने वाले धावक शिवनाथ सिंह के जीवन पर फिल्म बनाने की इच्छा है।

शिवनाथ सिंह की उपलब्धियां

►1970 में मिलिट्री पूर्व कमान में 5000 मीटर के दौड़ में गोल्ड मेडल
►1971 क्रॉसकंट्री दौड़ में नेशनल रिकॉर्ड के साथ प्रथम स्थान
►1973 में मनीला में आयोजित प्रथम एशियन एथलेटिक्स की 5000 व 10000 मीटर स्पर्धाओं में रजत
►1974 में तेहरान एशियाड में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण एवं 10000 मीटर में रजत
►1975 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित एवं उसी साल 5000 मीटर के राष्ट्रीय चैंपियन
►1975 में सियोल में आयोजित द्वितीय एशियन एथलेटिक्स की 5000 व 10000 मीटर में रजत पदक
►1976 मांट्रियल ओलंपिक मैराथन दौड़ (42 किमी) में 11वां स्थान
►1978 में कनाडा के एडिनबर्ग राष्ट्रमंडल खेलो में भारतीय दल का नेतृत्व किया
►1980 के मॉस्को ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया

फोटो साभार : शिवनाथ सिंह फेसबुक पेज (https://www.facebook.com/fanclubshivnathsingh)

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