पटना। अधिवक्ता पिता को था क्रिकेट का शौक। खुद तो नहीं खेल पाये पर बेटी को खेलने के लिए प्रेरित किया और आज की तारीख में छोटी सी उम्र में अपनी स्पिन गेंदबाजी से विपक्षी खिलाड़ियों को मजबूर कर रही हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं बिहार की उदीयमान क्रिकेटर तेजस्वी की। बात करनी इसीलिए भी जरूर है क्योंकि तेजस्वी ने इस साल बीसीसीआई द्वारा आयोजित अंडर-19 वनडे क्रिकेट में शानदार गेंदबाजी करते हुए नौ मैचों में कुल 22 विकेट चटकाए हैं और इस सत्र में इस ग्रुप में विकेट चटकाने में अभी दूसरे नंबर पर काबिज हैं।
राजधानी पटना में रहने वाली तेजस्वी चार साल पहले राजेंद्रनगर के शाखा मैदान में चलने वाली वाईसीसी स्पोट्र्स एकेडमी में संतोष कुमार के दिशा-निर्देश में क्रिकेट की एबीसीडी पढ़ना शुरू की और उसके अगले साल से बिहार टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। तेजस्वी ने सत्र 2017-18, 2018-19, 2019-20 में बिहार टीम का प्रतिनिधित्व किया। इस सत्र में उसने अंडर-23 वनडे क्रिकेट में हिस्सा लिया और कुल नौ विकेट चटकाये। पिछले साल अंडर-19 में तीन और अंडर-23 में कुल 14 विकेट तेजस्वी के खाते में थे।
मैच खेलने के कारण तेजस्वी इस वर्ष अपनी दसवीं की परीक्षा भी नहीं दे पायी। अब इस परीक्षा को एनआईओएस के जरिए देगी और अपनी पढ़ाई को भी जारी रखेगी।
तेजस्वी के पिता आलोक कुमार पेशे से वकील हैं और माता डेजी भरतियार शिक्षिका हैं। मां डेजी भरतियार संत कैरेंस स्कूल में कार्यरत हैं। तेजस्वी भी इसी स्कूल में दसवीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। तेजस्वी कहती हैं कि मैं अपना परफॉरमेंस दे रही हूं और चाहत है कि एक दिन टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करूं।
कोच संतोष कुमार कहते हैं कि तेजस्वी बेहतरीन राइट आर्म ऑफ स्पिनर है। उसमें बहुत ही लगन है और वह अभ्यास से कभी नहीं भागती है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में वह बेहतरीन प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम की सदस्या बनेगी।