पटना। बिहार में क्रिकेट टीम के सेलेक्शन में “खेला” ना हो यह हो ही नहीं सकता!पिछले दिनों भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित होने वाले घरेलू टूर्नामेंटों के लिए घोषित बिहार टीम के चयन को लेकर है। अब तक शायद ही ऐसे उदाहरण देखने को मिलें हैं जब टीम चयन को लेकर विवाद एवं टीका टिप्पणी नहीं हुई हो।
वैसे तो हर काम पर आज टीका-टिप्पणी करना ,खासकर सोशल मीडिया पर; आम बात हो गई है। पर जब पूरे दस्ताबेज के साथ ‘खेला होने का’ नजारा पेशा किया जाए तो सवाल उठना बाजिब है!
जी हां ,यह मामला है पिछले साल यानी सत्र 2020-21 में विजय हजारे ट्रॉफी के लिए घोषित बिहार टीम का है। इस प्रतियोगिता के लिए सेलेक्टरों ने लागातार दो दिनों में दो टीमें चुन दी। एक टीम चुनी गई नौ फरवरी, 2021 को और फिर एक दिन बाद ही यानी 10 फरवरी, 2021 को दूसरी टीम चुनी गई।
अब दोनों ही टीमों में फर्क भी जान लिजिए। नौ फरवरी की टीम से छह खिलाड़ियों को आउट कर दस फरवरी के घोषित टीम में नये छह खिलाड़ियों को इन किया गया। दावा के अनुसार इन दोनों टीमों की सूची पर तीन सेलेक्टरों के साइन भी हैं।
नौ फरवरी को बनी टीम इस प्रकार है-
आशुतोष अमन (कप्तान), बाबुल कुमार (उपकप्तान), यशस्वी रिषभ, शशीम राठौर, मंगल महरौर, मो रहमतुल्लाह, शकीबुल गणि, आकाश राज, विभूति भास्कर, राहुल कुमार, अनुज राज, प्रशांत कुमार सिंह, शब्बीर खान, विकास रंजन, विकास यादव, समर कादरी, सूरज कुमार कश्यप, विकास पटेल, अपूर्वा आनंद, विवेक कुमार, हर्ष राज, सरमन निगरोध।
दस फरवरी को बनी और घोषित टीम इस प्रकार है-
आशुतोष अमन (कप्तान), बाबुल कुमार (उपकप्तान), विकास यादव, विकास रंजन, अनुज राज, यशस्वी रिषभ, शशीम राठौर, राहुल कुमार, शकीबुल गणि, आकाश राज, मंगल महरौर, शब्बीर खान, सूरज कुमार कश्यप, समर कादरी, विकास पटेल, रिषभ राज, अपूर्वा आनंद,शशि आनंद, बंशीधर,शिवम सिंह, लखन राजा, शिवराज।
जिन खिलाड़ियों को किया गया था बाहर
मो रहमतुल्लाह, विभूति भास्कर, प्रशांत कुमार सिंह, विवेक कुमार, सरमन निगरोध, हर्ष राज।
जिन खिलाड़ियों की हुई इंट्री
लखन राजा, शशि आनंद, बंशीधर, शिवराज, रिषभ राज, शिवम सिंह।
फाइनल टीम सीईओ मनीष राज के हस्ताक्षर से दस फरवरी, 2021 को घोषित की गई थी। आखिर एक दिन में टीम में इतना बड़ा फेरबदल कैसे हुआ? क्या यह “खेला” सेलेक्टरों ने खुद किया था या संघ के पदाधिकारियों के दवाब में सेलेक्टरों ने ऐसा किया था?
इस टीम के सेलेक्शन और घोषणा के बाद बिहार क्रिकेट जगत में भी काफी हंगामा हुआ था। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में कार्यरत बड़े-बड़े अधिकारियों समेत पूरे बिहार क्रिकेट जगत ने सोशल मीडिया पर सेलेक्टरों से लेकर बीसीए के पदाधिकारियों को खूब खरी खोटी सुनाई थी।
खेलढाबा के पास दोनों सूची है और सेलेक्टरों के साइन पूरी तरह मिलती-जुलती दिख है। खेलढाबा खिलाड़ियों की प्रतिभा पर कोई सवाल खड़ा नहीं कर रहा है। हमारा सवाल सिस्टम से यह है कि एक दिन में इतना बड़ा बदलाव कैसे हो गया था। ऐसे तो हर बार साफ-सुथरी चयन प्रक्रिया की बात होती रही पर हर बार कोई न कोई बड़ी गड़बड़ हो जाती है। अब देखना यह है कि नये सत्र में पारदर्शिता की बात कही जारी है, इस पर बीसीए के पदाधिकारी कितने खरे उतरते हैं।