पटना। भाई यह बिहार में ही संभव है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का दस्ताबेज कुछ बोलता है और बिहार सरकार के निबंधन विभाग मानता कुछ और है।
बिहार सरकार के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा उनके उप निबंधक काशी कुमार के हस्ताक्षर से दिनांक दो जुलाई,2022 को बीसीए से संबंधित एक पत्र जारी होने के बाद राज्य क्रिकेट जगत के अंदर अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी द्वारा पिछले दिनों संघ के तत्कालीन सचिव संजय कुमार और संयुक्त सचिव सह कार्यकारी सचिव कुमार अरविंद को बर्खास्त कर एजीएम की मुहर लगवा ले ली गई थी जिसकी खबर कई दिनों तक देश से लेकर प्रदेश तक मीडिया जगत में छाई रही।
बीसीए के दस्तावेज में अबतक ये दोनों अपने-अपने पद से बर्खास्त चल रहे हैं। वहीं निबंधन विभाग ने बीसीए के आलेख में संशोधन करने संबंधी आयोजित बैठक का आदेश निकाल कर सरकारी मुहर लगाते हुए इन दोनों (सचिव संजय कुमार और संयुक्त सचिव कुमार अरविंद) को क्रमश: बीसीए के सचिव व संयुक्त सचिव माना है।
इन दोनों से संबंधित वाद माननीय न्यायालय में चल रहे हैं। ऐसे में किसी भी तरह की टिप्पणी से कहीं न कहीं सभी को बचना चाहिए ताकि माननीय न्यायालय में अवमानना का मामला नहीं बन जाए।
पत्र जारी होते ही यहां तक कहा जा रहा है कि पत्र की कॉपी भारत में क्रिकेट का संचालन करने वाली सर्वोच्च संस्था भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) तक को भेज दी गई है। कहीं बीसीसीआई भी सरकारी दस्तावेज पर अपनी मुहर न लगा दे। इस आदेश के बाद से बिहार क्रिकेट के कई सूरमाओं की बांछें खिल गई हैं और कई लोगों को दिन में तारे नजर आ रहे हैं। आखिर ऊंट किस करवट बैठता है अब तो आने वाला समय ही बतायेगा।