पटना। खेल समाचारों का वेबपोर्टल आपका अपना खेलढाबा.कॉम ने शान-ए-बिहार के नाम से एक वीडियो शृंखला चला रहा है। इस वीडियो शृंखला में आपको बिहार की वैसी खेल हस्ती के बारे में हम बताते हैं जिन्होंने राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेल जगत की क्षितिज पर अपने गांव, जिला, राज्य और देश का नाम रोशन किया है। इसी कड़ी में आज हम चर्चा कर रहे हैं बिहार के बेस्ट सलामी बल्लेबाज इंद्रजीत कुमार की। तो आइए जानते हैं इंद्रजीत कुमार के बारे में ढेर सारी बातें इस वीडियो के माध्यम से-
इंद्रजीत कुमार के घर में खेल का माहौल था। भाई भीम कुमार क्रिकेट खेलते थे। भाई को क्रिकेट खेलते देख इंद्रजीत ने भी बल्ला पकड़ा और प्रैक्टिस के लिए कमला नेहरु क्रिकेट एकेडमी जाने लगे। वहां उस पर नजर कोच पंकज मिश्रा की पड़ी। स्ट्रोक लगाते देख पंकज भी अचंभित हो गए और उन्होंने इंद्रजीत को क्रिकेट की वारिकियों को सिखाना शुरू किया। इसके बाद इंद्रजीत समय के अनुसार आगे बढ़ते चले गए। स्कूली टूर्नामेंट के बाद लीग और फिर स्टेट टीम। झारखंड की ओर से अंडर-16, 17 और अंडर-22 क्रिकेट खेला। बिहार रणजी टीम के सदस्य हैं। दोहरा शतक भी लगा चुके हैं।
खेल के साथ-साथ पढ़ाई भी जारी रखी। आरपीएस इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री ली और अभी आईबीएम इंडिया में नौकरी कर रहे है। नौकरी के दौरान भी क्रिकेट से नाता जुड़ा रहा। इसमें उनके मैनेजरों ने मदद की और उन्हीं की मदद के कारण इंद्रजीत के क्रिकेट का जज्बा कायम रहा।
बिहार में क्रिकेट लौटा तो सीनियर टीम में जगह बनाई। रणजी ट्रॉफी में दोहरा शतक भी जमाया। कई बार बिहार टीम को अपनी बल्लेबाजी की बदौलत जीत भी दिलाई। वनडे और टी-20 में पदार्पण होना बाकी है। इसके लिए इंद्रजीत मेहनत कर रहे हैं और उम्मीद है कि नये सत्र में उन्हें सफलता मिलेगी।
इंद्रजीत के पिता स्व. सिद्धेश्वर प्रसाद और माता सुमित्रा देवी इंद्रजीत के हौसले को हमेशा बुलंद रखा और किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी। इंद्रजीत कहते हैं कि अपने माता-पिता, भाई-बहनों, परिवार के अन्य सदस्यों, कोच पंकज मिश्रा व पटना जिला क्रिकेट संघ और बिहार क्रिकेट संघ के तमाम पदाधिकारियों के शुक्रगुजार हूं जिन्होंने समय-समय पर हमारी मदद की और हौसला बढ़ाया।




