पटना। पटना जिला के क्रिकेटर संशय में वे क्या करें। उन्हें पता नहीं चल पा रहा है कि वे क्या निर्णय लें। अगर पूरब का रुख करते हैं तो भी खाई और पश्चिम का रुख करते हैं तो भी खाई और एक जगह खड़े रहते हैं तो भी खाई में गिरने का संकट। यह संकट आया संघ के दोनों गुट द्वारा सेलेक्शन ट्रायल की घोषणा करने के बाद।


मामले को इस तरह समझे। पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष गुट प्रवीण कुमार प्राणवीर ने रविवार को पटना जिला टी-20 टीम चयन के लिए चुनिंदा प्लेयरों का एक सेलेक्शन ट्रायल आयोजित किया। इस सेलेक्शन ट्रायल में बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुके पटना के प्लेयरों ने हिस्सा लिया। रविवार को ही देर शाम पटना जिला क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव अरुण कुमार सिंह (सचिव अजय नारायण शर्मा गुट) ने अपने खेमे द्वारा सोमवार को सेलेक्शन ट्रायल की घोषणा कर दी। यह सेलेक्शन ट्रायल भी चल रहा है।
इस सेलेक्शन ट्रायल के बाद सीनियर प्लेयरों के पास प्राणवीर गुट की ओर से फोन आने शुरू हो गया। फोन पर कहा गया कि अगर आप उधर गए तो इधर आपका नाम नहीं रहेगा। साथ ही आप पर कार्रवाई की जायेगी। इधर सचिव गुट की ओर से भी सीनियर प्लेयरों को सेलेक्शन ट्रायल में आने के लिए कहा जाने लगा।

इस घटना चक्र के बीच कई सीनियर प्लेयर सचिव गुट की ओर से मोइनुल हक स्टेडियम में चल रहे सेलेक्शन ट्रायल में हिस्सा लिया। कई सीनियर प्लेयर स्टेडियम के आस-पास के एकेडमियों जैसे शाखा मैदान, सीएबी समेत कई जगहों पर आपस में मंत्रणा करते हुए दिखाई पड़े। वे संशय में हैं कि वे क्या करें जाएं की नहीं जाएं। उन्हें इस बात की सही जानकारी नहीं है कि बिहार क्रिकेट संघ किस गुट को सही मानता है और किसे गलत।
सीनियर प्लेयरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर खेलढाबा.कॉम को बताया कि हम सबों की क्या गलती है। हम सब एसोसिएशन की आपसी रंजिश के शिकार क्यों होंगे। पिछले तीन-चार वर्ष से पटना जिला क्रिकेट संघ में चल रहे विवाद के कारण यहां के क्रिकेटरों का भविष्य संकट में पड़ गया। इन सबों ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के रहनुमाओं से अपील की है कि इस मामले को जल्द से जल्द निपटा कर पटना के क्रिकेट को गति दें।






