पटना। बिहार क्रकेट एसोसिएशन में अब निराशा के बादल छंटने वाले हैं। अब खिलाड़ियों का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किये जायेंगे। अब पैसा और पैरवी का खेल बंद होगा। यह संयुक्त बयान दिया है बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के निर्वाचित सचिव संजय कुमार और संयुक्त सचिव कुमार अरविंद ने।
इन दोनों ने कहा कि बिहार के प्रतिभावान क्रिकेटरों को अपने चयन को लेकर हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है। जल्द ही बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।
इन दोनों बिहार के प्रतिभावान क्रिकेटरों को भरोसा दिलाया है कि वह दिन अब दूर नही जब लक्ष्मी पुत्रों की जगह बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन निष्पक्ष ढंग से बिहार की टीम में होगा। खिलाड़ियों को भरोसा दिलाते हुए सचिव संजय कुमार ने कहा है कि भगवान के घर देर है अंघेर नहीं। बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ियों की जगह जिस तरह से पैरवी, पैसा और बीसीए से जुड़े लोगों के पुत्रों का चयन बिहार टीम में हो रहा है वह बिहार क्रिकेट के लिए शर्मनाक है। सचिव ने बिहार क्रिकेट से जुड़े वैसे भ्रष्ट लोगों को आगाह किया है वे लोग जल्द से जल्द क्रिकेट से अपने आप को अलग कर लें वर्ना जेल की हवा खाने को भी तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि फूट डालो राज करो का खेल अब और लंबा नहीं चलने वाला। बीसीए के संयुक्त सचिव कुमार अरविंद ने सचिव के कदम को सराहनीय बताते हुए वैसे चयनकर्ता को भी आगाह किया है जो पदाधिकारियों के कथित दवाब में आकर प्रतिभावान खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सभी के कार्यों का ईमानदारी विश्लेषण किया जायेगा और दोषी लोग किसी भी परिस्थिति में बिहार क्रिकेट में नही रह पायेंगें। संस्था बच्चों और क्रिकेट के बूते है किसी के पॉकेट की जागीर नहीं है।

