बेंगलुरु, 19 सितंबर। भारतीय मूल के तीन युवा खिलाड़ी आर्यन शर्मा, जॉन जेम्स और यश देशमुख ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम में जगह बना चुके हैं और अब उनका अगला लक्ष्य है ऑस्ट्रेलियाई सीनियर क्रिकेट टीम में जगह पाना।
रविवार से ब्रिस्बेन में शुरू हो रही ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 घरेलू सीरीज इन खिलाड़ियों के लिए बड़ा अवसर साबित होगी। यह टूर्नामेंट उन्हें भारत से आए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से मिलने और अपने कौशल को निखारने का मौका देगा।
जॉन जेम्स: हेज़लवुड और मिचेल मार्श से प्रेरणा
केरल के वायनाड से ऑस्ट्रेलिया पहुंचे ऑलराउंडर जॉन जेम्स ने शुरू में नई खेल संस्कृति के साथ तालमेल बैठाने में कठिनाई झेली। लेकिन माता-पिता के सहयोग से वे धीरे-धीरे आगे बढ़े।
उनके करियर का सबसे खास पल तब आया जब वे इस साल सिडनी टेस्ट (बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी) में ‘वॉटर बॉय’ बने और अपने आदर्श खिलाड़ियों जोश हेज़लवुड और मिचेल मार्श से मिलने का मौका मिला।
आर्यन शर्मा: विराट कोहली से मिलने का सपना
चंडीगढ़ के बल्लेबाजी ऑलराउंडर आर्यन शर्मा का परिवार 2005 में ऑस्ट्रेलिया में बस गया। आर्यन कहते हैं कि नए माहौल में ढलना आसान नहीं था, लेकिन रिश्तेदारों के सहयोग से यह संभव हुआ।
आर्यन का पसंदीदा खिलाड़ी विराट कोहली हैं। वे कहते हैं कि मैं हमेशा कोहली से प्रेरणा लेता हूं। अगर मुझे उनसे मिलने और सीखने का मौका मिला, तो यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा अनुभव होगा। जिस तरह उन्होंने भारतीय क्रिकेट में योगदान दिया, उसी तरह मैं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में योगदान देना चाहता हूं।
यश देशमुख: नई संस्कृति में ढलने की चुनौती
महाराष्ट्र के ऑलराउंडर यश देशमुख का परिवार कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया में शिफ्ट हुआ। शुरुआत में भाषा और सांस्कृतिक अंतर उनके लिए बड़ी चुनौती रहे। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई बच्चों की शारीरिक क्षमता के साथ प्रतिस्पर्धा करना भी आसान नहीं था। लेकिन अब वे पूरी तरह अनुकूल हो चुके हैं और अगले साल आईसीसी U-19 विश्व कप (ज़िम्बाब्वे और नामीबिया, 2026) में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।
भारतीय जड़ों से गहरा जुड़ाव
भले ही ये खिलाड़ी अब ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट संरचना का हिस्सा हैं, लेकिन अपनी भारतीय जड़ों से उनका गहरा लगाव है। यही कारण है कि उनकी कहानियां ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में भारतीय प्रवासी समुदाय के योगदान का मजबूत उदाहरण पेश करती हैं।