पटना, 11 सितंबर। बिहार वालीबॉल लीग के चौथे दिन जबर्दस्त खेल देखने को मिला और तीनों ही मैचों में सभी टीमों ने कम से कम एक सेट जरूर जीता। इस दौरान सबसे बड़ा उलटफेर भी हुआ जब अजेय चल रही मिथिला स्पाइकर्स टीम को पांच सेटों के संघर्ष में नालंदा डिफेंडर्स ने पराजित कर दिया।
एक अन्य उलटफेर में अब तक बिना जीत का स्वाद चखे खेल रही विक्रमशिला ब्लॉकर्स की टीम ने पाटलिपुत्र एसर्स को 3-1 से हराकर जीत का स्वाद चखा। साथ ही तक्षशिला सर्वर्स ने मगध सेटर्स को 3-1 से पराजित कर तीसरी जीत हासिल की। अब सभी टीमों का एक-एक लीग मैच बाकी रह गया है। अब तक मिथिला और तक्षशिला ने प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की कर ली है जबकि पाटलिपुत्र बाहर होने वाली पहली टीम बन गयी है।
कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के इंडोर हॉल में सबसे संघर्षपूर्ण मैच नालंदा और मिथिला के बीच रहा। अब तक अपराजेय रही मिथिला को हार का स्वाद चखना पड़ा। उसे नालंदा डिफेंडर्स ने 15-12, 15-9, 7-15, 11-15, 15-13 से पराजित किया। नालंदा ने दूसरी बार पांच सेटों में मैच जीता है। नालंदा की इस जीत में उनके कप्तान मोनू ने शानदार प्रदर्शन किया और रेड कार्ड देखने का बावजूद मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हासिल किया। उनको बिहार कबड्डी एसोसिएशन के चेयरमैन कुमार विजय सिंह ने पुरस्कृत किया।
इससे पहले दिन के शुरुआती मुकाबले में तीनों मैच गंवा चुकी विक्रमशिला ब्लॉकर्स ने उलटफेर करते हुए पाटलिपुत्र एसर्स को चार सेटों में 15-11, 15-13, 9-15, 15-4 से हराया। अब विक्रमशिला के चार मैचों में चार अंक हो गये हैं जबकि पाटलिपुत्र के तीन पराजय के साथ केवल तीन अंक हैं। मैच में विक्रमशिला के सेटर अंबुज सिंह को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया।
दूसरे मैच में तक्षशिला सर्वर्स ने मंगल सेटर्स को तीसरे सेट में हार के बावजूद चार सेट तक चले संघर्ष में 15-12, 15-8, 13- 15, 15-12 से हराकर पूरे अंक अर्जित किये। विक्रमशिला के शुभम कुमार ने लीग में दूसरी बार पांच सेटों के मुकाबले में जीत दर्ज की। इससे पहले उसने विक्रमशिला को पहले दो सेटों में हार के बावजूद शिकस्त दी थी। तक्षशिला सर्वर्स के शुभम कुमार मैन ऑफ द मैच घोषित किए गए। उन्होंने अपने झन्नाटेदार स्मैश से 12 अंक बनाये। साथ में एक अंक ब्लॉक का भी रहा। उनको साइकिलिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव डॉ कौशल किशोर सिंह ने 13 अंक बनाने के लिए मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया। अब तक्षशिला के चार मैचों में तीन जीत से नौ अंक हैं जबकि मगध के चार मैचों में दो हार से छह अंक हैं।