पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा प्लेयर लिस्ट की घोषणा हो और सवाल नहीं उठे। ऐसा हो नहीं सकता है। सवाल के घेरे में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अपने-आपको खुद लाता है। ताजा मामला है बिहार वीमेंस अंडर-19 टीम का।
फाइनल में तो ऐसे प्लेयरों का नाम जो कैंप में नहीं थी। पहला नाम शोभना साकेत और दूसरा नाम खुशी कुमारी का। पहला आश्चर्य तो यह है कि शोभना साकेत का उन 36 प्लेयरों की लिस्ट में क्यों नहीं शामिल किया जो कैंप के लिए घोषित किया गया था। शोभना साकेत ने पिछले सीजन में घरेलू टूर्नामेंटों में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। वहां की गई गलती को चयनकर्ताओं ने फाइनल लिस्ट में नाम देकर सुधारी।
दूसरा नाम है खुशी कुमारी का। खुशी कुमारी को कैंप से बाहर कर दिया गया जिसकी सूचना बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने खुद अपने वेबसाइट पर डाला था। खुशी कुमारी की जगह सोनी कुमारी सिंह को कैंप की टीम में जगह दी गई थी।

खिलाड़ियों का नाम क्यों छूट गया। खिलाड़ी बाहर क्यों किये गए। अगर कुछ भी जोड़ घटाव होता होता है तो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को अपने वेबसाइट पर कारण सहित बताना चाहिए। साथ ही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने फाइनल लिस्ट में प्लेयरों के जिलों के नाम का जिक्र नहीं किया वह भी गलत है जबकि बालक वर्ग में सभी खिलाड़ियों के जिला का नाम दिया गया था।
ये तो खिलाड़ियों की बात। टीम के सपोर्टिंग स्टॉफ को लेकर सवाल उठने लगे है। टीम की मैनेजर इंदु कुमारी और सह मैनेजर योशिता पटवर्धन को लेकर कहा जा रहा है कि यह पूरी तरीके से Conflict of interest का मामला है। लोग कह रहे हैं कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यशैली में कब सुधार होगा पता नहीं। इसके बारे में केवल ऊपर वाला ही जानता है।
खेलढाबा प्लेयरों की क्षमता पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर रहा है। वह केवल लचर व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।