पटना। ईस्ट चंपारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव ज्ञानेश्वर गौतम भविष्यवक्ता है। हो भी क्यों नहीं बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के टूर्नामेंट कमेटी के संयोजक जो ठहरे। उन्हें 23 जून को ही पता चल गया था कि रणधीर वर्मा अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के सुपर लीग के लिए घोषित होने वाली वेस्टर्न जोन में उनके जिला से छह खिलाड़ियों का चयन हो गया है।
सोचने वाली बात यह है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने आधिकारिक तौर पर 29 जून को अपने वेबसाइट पर सुपर लीग में भाग लेने वाली 8 जोनों के रेस्ट ऑफ जोन टीम की घोषणा की पर ईस्ट चंपारण जिला क्रिकेट संघ की मीडिया कमेटी ने सचिव ज्ञानेश्वर गौतम के हवाले से 4 दिन पहले ही चयनित होने वाले ईस्ट चंपारण जिला के छह प्लेयरों का नाम घोषित कर दिये थे। बीसीए और ईस्ट चंपारण द्वारा घोषित प्लेयरों के नाम एक ही हैं जो अपने आप में बीसीए के कार्यकलाप पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि जब टीम का सेलेक्शन बीसीए के सेलेक्टरों द्वारा किया जा रहा है तो इस बात की जानकारी पूर्वी चंपारण जिला क्रिकेट संघ के सचिव को कैसे पता चली। इसका सीधा अर्थ होता है कि टूर्नामेंट कमेटी कहीं न कहीं से सेलेक्शन प्रक्रिया में पूरी तरह से हावी है और टूर्नामेंट कमेटी की मनमानी के कारण संपूर्ण बीसीए की बदनामी हो रही है।
बीसीए में तकनीकी चीजों को देखने के लिए क्रिकेट ऑपरेशन जीएम की बहाली है। ये बातें कहीं वहीं से तो नहीं लिक हुई है ऐसा क्रिकेट के जानकारों का कहना है।
इस पूरे घटनाक्रम से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की चयन प्रक्रिया पर अभी से सवाल खड़े होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि जब फाइनल टीम बनेगी तब इससे भी बड़े-बड़े कारनामे देखने को मिलेंगे।