पटना। बिहार में क्रिकेट को लेकर घर-घर एक ही चर्चा बनी हुई है कि आखिर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर छेड़खानी के मामले में एक महिला द्वारा नई दिल्ली स्थित संसद मार्ग थाने में गैरजमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज कराने के बाद क्या होगा ? बीसीए के पदाधिकारी और जिला संघों में दिन-रात घटना की समीक्षा एवं कानून के तहत आगे होने वाली कार्रवाई पर माथापच्ची का दौर जारी है। अब तो बीसीए के पदाधिकारी और जिला संघों के पदाधिकारी बिहार क्रिकेट एसोसिशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर दर्ज एफआईआर को लेकर असंसदीय भाषा पर उतारू हो गए हैं।
सबों का यही कहना है कि बीसीए अध्यक्ष पर लगे आरोप कोई हंसी खेल नहीं है, आने वाले समय में इनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है जिसको देखते हुए ओला पड़ने से पूर्व कुर्सी का मोह त्याग कर राकेश कुमार तिवारी को बीसीए अध्यक्ष पद से तत्काल इस्तीफा देकर खेल व खिलाड़ी की अदालत में अपने आपको निर्दोष साबित होने तक इंतजार करना चाहिए।
चर्चा है कि बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पटना प्रवास पर हैं और अपने लोगों से लगातार संपर्क में हैं। ये उनके वैसे लोग हैं जिन्होंने राकेश कुमार तिवारी को बीसीए अध्यक्ष की कुर्सी पर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से दिलोंजान से मदद कर बैठा है।
बीसीए अध्यक्ष से वार्ता कर आपस में लोग यही चर्चा करते सड़कों पर कहते पाये गए कि लगता है कि अध्यक्ष की कुर्सी राज्य की प्रतिष्ठा से बड़ी है। बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी सबों से यही कह रहे हैं कि जो होना था वह हो गया। हमने जो गलतियां की हैं उसे अब माफ कर दिया जाए। यहां तक वे कह रहे हैं कि मैं पूरी तरह निर्दोष और पवित्र हूं और यह घटना मेरी छवि को खराब करनी की साजिश है।
खबर यह भी है कि उन्होंने अपने लोगों का कहा है कि आप सभी मेरे शुभचिंतक जाएं और मामले को रफा-दफा कराएं। इस आग्रह के जवाब में उनके अपनों ने कहा कि सबकुछ ठीक है। आगे क्या होगा और हमलोगों को क्या करना है यह बाद में सोचेंगे पहले आप बीसीए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें और इस गरिमामयी पद की इज्जत की रक्षा में आप स्वयं आगे आयें। आपको हम सब न्यायसंगत जो भी मदद होगा वह करने को तैयार हैं। बीसीए अध्यक्ष बनने के पूर्व की तीन तिकड़ी आरोपित अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को साफ शब्दों में इतला कर समझा दिया है कि इससे कम बिहार के लोगों को मंजूर नहीं है।
खबर यह है कि जिन लोगों पर राकेश कुमार तिवारी ने अपना चाबूक चलाया उन्हें भी वे बराबर व्हाटशअप से लेकर नार्मल कॉल करने बाज नहीं आ रहे हैं। कोई उनके कॉल को रिसीव कर रहा है कि तो कोई उनका नाम सुन कर भड़क जा रहा है। जो बात कर रहा है कि उनसे वे यही कह रहे हैं कि मुझे विश्वास है सबकुछ नार्मल हो जायेगा। संकट की घड़ी में आप लोग हमारा साथ दीजिए। सबकुछ भूल कर अब हम बिहार क्रिकेट की भलाई का काम करेंगे। पर उन सबों ने यही नसीहत उन्हें दी है कि साहेब पहले पद छोड़ो उसके बाद ही कोई बात बनेगी। वे सभी तंज कसते हुए यह भी कहते सुने गए कि हुजूर आपने बहुत कर दी बिहार क्रिकेट की भलाई।
सन् 1935 की याद दिलाते हुए कुछ लोगों ने कहा कि बिहार का पहला कोई क्रिकेट का अध्यक्ष होगा जिसके ऊपर महिला से छेड़छाड़ के मामले में गैर जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज कर 164 का फरद बयान माननीय न्यायालय में कराया गया हो। कुछ लोग तिलमिला कर यहां तक कह रहे थे कि बिहार की प्रतिष्ठा राष्ट्रीय स्तर पर लगातार धूमिल हो रही है। बिना कोई चर्चा के बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी को अब तक इस्तीफा दे देना चाहिए था ताकि बिहार की छवि और बेदाग होने से बच सके।
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