Home Slider Bihar Cricket Association की गतिविधियां ठप, लगता है कि टीम की होगी डायरेक्ट लैंडिंग !

Bihar Cricket Association की गतिविधियां ठप, लगता है कि टीम की होगी डायरेक्ट लैंडिंग !

by Khel Dhaba
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बीसीए

पटना, 22 अगस्त। एक ओर अन्य राज्यों में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा नये सत्र में आयोजित होने वाले घरेलू सीजन को लेकर तैयारी जोरों पर वहीं बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की क्रिकेट गतिविधियां पूरी तरह ठप हो चुकी है। ऐसा लग रहा है कि बिहार टीम डायरेक्ट एयरपोर्ट पर इकट्ठा होगी और फ्लाइट से सीधे आयोजन स्थल को रवाना होगी। ऐसा इसीलिए माना जा रहा है क्योंकि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की कहानी इस साल भी अधूरी रही है और इसे पूरा करने वाले लंबे अवकाश पर चल रहे हैं वे अपने काम पर लौटेंगे कि इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं बिहार क्रिकेट जगत में हैं। खेलढाबा.कॉम आपको पूरे मामले को विस्तार से बता रहा है…..

अभी तक नहीं घोषित हुई है कैंप की तिथि

बीसीसीआई का घरेलू सत्र यों तो दलीप ट्रॉफी के जरिए 5 सितंबर से शुरू हो रहा है पर राज्यों की प्रतिभागिता वाले घरेलू सीजन की शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी। 1 अक्टूबर से वीमेंस अंडर-19 टी20 ट्रॉफी का आयोजन शुरू होगा। इसके बाद वीनू मांकड़ ट्रॉफी चार अक्टूबर से। इसके बाद रणजी से लेकर अंडर-23 मेंस और सीनियर वीमेंस टीमों के मैच अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जायेंगे। इन सारे मैचों को लेकर बिहार की तैयारी शून्य। कैंप की बात तो छोड़िए न तो अभी तक सेलेक्टर और न ही प्रशिक्षकों के नामों की घोषणा की गई है। खबर तो यह भी है कि इसके साक्षात्कार भी अभी तक नहीं हुए हैं। कहा जा रहा है कि हर साल की भांति इन पदों के लिए वैकेंसी केवल दिखावे के लिए निकली। सारे पोस्ट अपने मन मुताबिक भर दिये जायेंगे।

क्या कारण है इसके पीछे

बिहार में क्रिकेट गतिविधियों के ठप होने के पीछे की वजह यह निकल कर सामने आया है कि इसके कर्ताधर्ता अवकाश पर चल रहे हैं। कर्ताधर्ता कौन हैं। जीएम क्रिकेट ऑपरेशन। जीएम क्रिकेट ऑपरेशन के पद पर हैं सुनील सिंह। इनके बारे में खबर है कि वे लंबे दिनों से कार्यालय नहीं आ रहे हैं। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि शायद वे अब नहीं लौटेंगे। इनके नहीं रहने के कारण विभिन्न आयु वर्गों के कैंपों की तिथि और उसके लिए सेलेक्टेड प्लेयरों के लिस्ट अभी तक जारी नहीं हो पाई। कब लिस्ट जारी होगी। कब कैंप लगेगा। यह तो राम ही जाने।

खबर यह भी है

बिहार क्रिकेट जगत में चर्चा है कि गुरुवार को जीएम क्रिकेट ऑपरेशन की बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष से शायद मुलाकात हुई है। इसमें कई तरह की बातें हुईं। सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार सुनील सिंह ने अध्यक्ष महोदय को कहा है कि हम अब ऑफिस आने से असमर्थ हैं। हम आपका काम अपने घर से कर देंगे और इसके लिए कोई राशि नहीं लेंगे। इस खबर का खेलढाबा.कॉम पुष्टि नहीं करता है। ऐसी चर्चा खेल जगत में है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह सीजन बिना जीएम क्रिकेट ऑपरेशन के बीसीए गुजारा कर लेगा। क्या किसी को इसका अतिरिक्त प्रभार दिया जायेगा या नये जीएम क्रिकेट ऑपरेशन की बहाली होगी या सुनील सिंह को मनाने में बीसीए प्रबंधन सफल हो जायेगा।

जीएम क्रिकेट ऑपरेशन नहीं आने की वजहें कई

जीएम क्रिकेट ऑपरेशन ऑफिस नहीं आ रहे हैं, इसके कई वजह बताये जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनके काम में दखल दिया जा रहा था जिसे नाराज हो गए। खबर यह है कि सीनियर के मैच के लिए रेस्ट ऑफ जोन की लिस्ट कुछ दिन पहले ऑफिस से बाहर कहीं पर बनाई जा रही थी। इस लिस्ट में कुछ बिना परफॉरमेंस वाले प्लेयरों का नाम जोड़ा गया था जिसे लेकर बीसीए ऑफिस के ही किसी कर्मी से जीएम क्रिकेट ऑपरेशन की हॉट टॉक हुई। कर्मी ने भी उन्हें दिल को चूभ जाने वाली बात कह दी और जीएम क्रिकेट ऑपरेशन चले गए अवकाश पर। हालांकि जीएम क्रिकेट ऑपरेशन के करीबियों का कहना है कि वे अब पारिवारिक कारणों से नौकरी करना नहीं चाह रहे हैं।

हर साल की भांति इस साल भी

पिछले साल सीनियर कैटेगरी के मुकाबले पूरे हो गए थे। इस साल वह अधूरा रह गया। अंडर-19 का मुकाबला भी अभी अधूरा है। फाइनल बाकी है। अंडर-16 और महिला कैटेगरी के मुकाबले पूरे हुए हैं पर कुछ अधूरा है। आखिर इसकी वजह क्या है। हर साल बीसीए प्रबंधन कहता है कि अगले साल सबकुछ ठीक हो जायेगा और बात अधूरी रह जाती है।

ऐसे में परफॉरमेंस कैसा रहेगा टीम का

न मैच, न कैंप, न ट्रायल मैच। ऐसे में खिलाड़ियों से परफॉरमेंस की उम्मीद करना कहां तक जायज होगा। पर होगा वही। हर चीज के लिए खिलाड़ी दोषी ठहराये जायेंगे। मैच दर मैच भारी बदलाव होंगे। एक सीजन में हर फॉरमेट में 30 से 40 प्लेयर खेलेंगे। तरह-तरह की चर्चाएं होंगी। हो सकता है घरेलू क्रिकेट में परफॉरमेंस करने वाले टीम से बाहर रह जाएं और न करने वाले टीम में रह जाएं, जैसा कि अब तक कई बार होता रहा है। इस प्रथा पर विराम कब लगेगा भगवान ही मालिक है।

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