पटना। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा बिहार क्रिकेट संघ में चल रहे विवाद को देखने के लिए पर्यवेक्षक पटना भेज दिया गया है, ऐसी चर्चा है। खबर है कि वे राजधानी के मौर्या होटल में रुके हुए हैं। बीसीसीआई के पर्यवेक्षक के पटना आने की खबर के बाद तरह-तरह की खबरें चल रही हैं।
खबर यह चल रही है कि हो सकता दोनों गुटों को मिला कर टीम भेजी जाए। हो सकता है कि दोनों में से किसी एक की ही टीम जाए। अभी कुछ भी कहना जल्दवाजी होगी।
खेलढाबा.कॉम ने कुछ ही दिन पहले बीसीसीआई के पर्यवक्षेक नियुक्त होने की चर्चा की खबर चलाईथी। बीसीसीआई के अपेक्स काउंसिल ने अहमदाबाद में 24 दिसंबर को एजीएम में फैसला लिया था कि पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाए।
पर्यवेक्षक जाकर यह देखेंगे कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के कार्य उसके संविधान के अनुसार चल रहे हैं कि नहीं। गौरतलब है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अभी दो गुटों में बंटा है। एक गुट निर्वाचित अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का है। इस गुट के साथ निर्वाचित सदस्यों के उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और जिला प्रतिनिधि हैं। आरा में हुए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के एजीएम में निर्वाचित सचिव संजय कुमार को निकाल दिया गया है।
दूसरा गुट निर्वाचित सचिव संजय कुमार का है। इसके अध्यक्ष प्रेमरंजन पटेल हैं। इस गुट के द्वारा निर्वाचित अध्यक्ष और संयुक्त सचिव को निकाल दिया गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अहमदाबाद में हुए एजीएम व चुनाव में बिहार का प्रतिनिधित्व अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने किया है। इस पर निर्वाचित सचिव संजय कुमार ने पहले आपत्ति दर्ज की थी जिस पर बीसीसीआई ने कहा था कि अभी कोर्ट से कोई फैसला नहीं आया है इसीलिए आपकी आपत्ति रद्द की जाती है।
दोनों गुटों ने अपनी-अपनी गतिविधियां अलग-अलग कराई थीं। दोनों गुटों के जिला यूनिटों में भी अंतर हैं। बहुत सारे जिलों में सामांतर यूनिट है।
मुश्ताक अली ट्रॉफी टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में टीम भेजने को लेकर दोनों गुट अपने-अपने दावे कर रहे हैं। किसे बीसीसीआई ने ऑथरिटी दी है इसका दावा खेलढाबा.कॉम नहीं करता है।