पटना। बिहार क्रिकेट की राजनीति में निश्चित ही भूचाल आने वाला है। शनिवार की शाम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली के बुलावे पर बीसीए सचिव संजय कुमार कोलकाता पहुंचे थे जहां बीसीए के हितैषी आदित्य वर्मा भी मौजूद थे।

बीसीए सचिव ने दादा को बीसीए की बदहाली और निजीकरण की ओर बढ़ रहे मामलों से अवगत कराया जिसके बाद सौरभ गांगुली ने कड़ा कदम उठाने का निश्चय किया है। साथ ही सौरभ गांगुली ने यह साफ कर दिया है कि बीसीए के सभी फॉर्मेट में चाहे जूनियर या महिला खिलाड़ियों का चयन बीसीसीआई के चयनकर्ता के द्वारा और उनकी निगरानी में की जायेगी।

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली बीसीए को अब अपने हाथों संचालन में लेने के मूड में दिखे और 15 से 20 अगस्त के बीच पटना आने एवं बीसीए के सभी कागजात का ऑडिट करने की भी बात कही है। बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि बीसीए अध्यक्ष और सचिव के साथ और बीसीसीआई लीगल टीम के साथ कोलकाता में पटना आने से पूर्व बैठक करेंगे। दादा ने कहा कि क्रिकेट को कभी भी भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं बनने देंगे चाहे वो किसी भी राज्य का मामला क्यों न हो।

सुना यह जा रहा है कि बीसीए का होने वाला आगामी चुनाव बीसीसीआई के इलेक्ट्रोल ऑफिसर के द्वारा निष्पक्ष कराया जायेगा ऐसा बीसीसीआई अध्यक्ष का कहना है। साथ ही इन सभी मामलों के बाद एक चीज साफ हो गई है की बीसीए में जितने भ्रष्ट लोग मिलकर बीसीए सचिव को निष्कासित निलंबित बता रहे थे ये सब सिर्फ जबरदस्ती की गई साजिश है इस मुलाकात के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष ने बीसीए सचिव को सचिव मानते हुए अपने अधिकार क्षेत्र के कार्यों को करने का सलाह दिया है।






