सौरभ चक्रवर्ती
पटना। बात 1980-90 के दशक की है। पटना का एक क्रिकेटर था जो मैदान पर आता था निचले क्रम में पर आता था धूम-धड़ाका कराता था। न केवल बल्ले बल्कि अपनी गेंद से जलवा बिखेरता था। यों कहें उस समय का बेहतरीन ऑलराउंडर था यह शख्स। बाद में इंडिया की ओर से बेसबॉल भी खेला। वर्तमान समय में टेलीकॉम डिपार्टमेंट में बड़े ओहदे पर विराजमान है और वित्तीय मामलों को निपटा रहा है। यह शख्स हैं अजय तिवारी। तो आइए जानते हैं इस शख्स के बारे में।
वर्ष 1962 के पहले महीने की पांच तारीख को जन्मे अजय तिवारी की पढ़ाई-लिखाई पटना में हुई। पटना कॉलेज से स्नातक और फिर पटना विश्वविद्यालय से एमए किया। क्रिकेट से प्यार इनका बचपन से था। पहले स्कूल, फिर कॉलेज, जिला, विश्वविद्यालय और फिर स्टेट का प्रतिनिधित्व और नेतृत्व भी किया।
वर्ष 1976 में सीके नायडू और इसी साल कूच बिहार ट्रॉफी में बिहार टीम का प्रतिनिधित्व किया। पटना विश्वविद्यालय की ओर से 1979 से 1983 खेला और रोहिंगटन बारिया ट्रॉफी में हिस्सा लिया। पटना जिला क्रिकेट लीग में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 1980 से 1996 तक खेला। वर्ष 1993 तक हेमन ट्रॉफी में पटना जिला का प्रतिनिधित्व किया। अंडर-22 बिहार टीम का जोनल मैच में नेतृत्व भी किया।
वर्ष 1977 में जूनियर डिवीजन क्रिकेट लीग में अदालतगंज सीसी की ओर से खेलते हुए पीएसी के विरुद्ध 12 रन देकर सात विकेट लेकर सुर्खियों में आये। इनकी कप्तानी में वर्ष 1992 में करविगहिया क्रिकेट क्लब पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग का चैंपियन बना। पूरे लीग में इन्होंने बेहतरीन बॉलिंग की। उस वर्ष सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने। फाइनल में करबिगहिया ने पेसू को पांच विकेट से हराया। अजय तिवारी और प्रदीप सिंह की बेहतरीन बॉलिंग व सौरभ चक्रवर्ती (लेखक खुद) और राजीव कुमार राजा की बेहतरीन बल्लेबाजी से करबिगहिया ने मैच जीता।
अजय तिवारी का बल्ला भी खूब बोलता था। निचले क्रम के बेहतरीन बल्लेबाज थे। कई मौकों पर इनके ताबड़तोड़ बल्लेबाज भी टीम को जिताने में मददगार साबित हुआ। पूर्णिया में एक टूर्नामेंट में बिहार राज्य विद्युत बोर्ड की तरफ से खेलते हुए आठवें नंबर बल्लेबाजी करने उतरे और ताबड़तोड़ 75 रनों की पारी खेली। एक समय टीम का स्कोर महज 48 रनों पर छह विकेट था लेकिन अजय तिवारी ने सौरभ चक्रवर्ती (लेखक खुद) के साथ 140 रनों की साझेदारी कर टीम को संकट से उबारा व फिर गेंदबाजी में कमाल दिखाते हुए पांच विकेट चटकाये और टीम को जीत दिला दी।
(लेखक वरीय क्रिकेटर हैं)