बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की अध्यक्षता में रविवार को पटना में आयोजित एजीएम में भगदड़ की स्थिति के बाद मजबूरन बैठक समाप्त करना बीसीए में करप्शन का प्रमाण देता है।ये बातें आज बीसीए केपूर्व प्रवक्ता एवं पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने कही।
उन्होंने कहा कि बीसीए के अध्यक्ष बिहार के सभी जिलों को पॉकेट में रखने के लिए तरह-तरह का तिकड़म कर बीसीए में पुनः अध्यक्ष पद पर काबिज होना चाहते हैं। बीसीए में संविधान का गला घोंटा जा रहा है। जो लोग बीसीए में लोढ़ा कमिटी के अनुसार अयोग्य हैं उनको एक साजिश के तहत संघ का सिरमौर बना कर रखा गया है और जो बीसीए और जिला में सही हैं उनको बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
उन्होंने कहा की बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी करप्शन के प्रणेता बन चुके हैं और पाटलिपुत्र की हवेली से गलत तरीके से बीसीए को हांकना चाहते हैं। चाटुकारिता के चहेते बन चुके बीसीए अध्यक्ष को बिहार की धरती पर ही अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा। पूरा देश इनके चाल, चरित्र और चेहरा को पहचान चुका है।
श्री तिवारी एक-दूसरे को आपस में लड़ाओं और शासन करो की नीति पर जिस दिन से जीत कर आयें हैं उस नीति पर काम कर रहे हैं। 2022 के बीसीए के चुनाव में वे अब जीत का स्वाद चखने वाले नहीं हैं। इस बार बीसीए के चुनाव को हार कर क्रिकेट की राजनीति से संन्यास लेते नजर आयेंगे। श्री मिश्र ने बीसीए के सभी लोगों से एकजुट हो कर इनका मुकाबला करने का निवेदन किया है।उन्होंने कहा की बी॰सी॰ए॰ को गीता, गायत्री और गंगा जल से पवित्र करने का अभियान तिवारी मुक्त बिहार तक चलता रहेगा।