पटना। इंडिया में क्रिकेट से भ्रष्टाचार को उन्मूलन करने के साथ बिहार क्रिकेट के विकास एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के पूर्व सचिव आदित्य वर्मा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को साफ शब्दों में आज कहा है कि पहले आप बीसीसीआई की टीम भेज कर बिहार के वर्तमान हालात को देखें उसके बाद ही अनुदान समेत अन्य चीजों की सहायता बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) को प्रदान करें।
उन्होंने इस संबंध में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह समेत तमाम पदाधिकारियों को मेल कर बिहार के वर्तमान हालात के बारे में बताया है और उनसे अपनी टीम भेजने का आग्रह किया है।
आदित्य वर्मा ने खेलढाबा.कॉम को बताया कि जैसा मुझे जानकारी मिली है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ ने बीसीसीआई को लेटर भेज कर सूचना दी है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का निबंधन में बदलाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हो गया है इसलिए रुका हुआ 100 crore का ग्रांट बीसीसीआई द्वारा बीसीए को दे दिया जाए।
श्री वर्मा ने कहा कि बीसीसीआई के अध्यक्ष सहित पूरे Council को मेल कर बीसीए को कोई भी ग्रांट देने से मना मेरे द्वारा मना किया गया है क्योंकि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का प्रासंगिक ढांचा पूर्णत: ध्वस्त हो चुका है और श्री वर्मा ने बीसीसीआई को भेजे अपने ईमेल में सीधा आरोप लगाया है कि बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी स्वयंभू अध्यक्ष के रूप में बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं बिहार को अनुदान देने का विरोध नहीं कर रहा हूं। मेरा उद्देश्य सिर्फ यह है कि सही जगह पैसा आये और वह पैसा उचित तरीके से खर्च किया जाए। जिस संघ का कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ही अपना कोरम नहीं पूरा कर पा रहा है वह संघ कैसा ?। बीसीए में सचिव नहीं, संयुक्त सचिव नहीं, जिला प्रतिनिधि नहीं, महिला खिलाड़ी प्रतिनिधि नहीं, एजी प्रतिनिधि नहीं, पुरुष खिलाड़ी प्रतिनिधि का कार्यकाल पूरा है। कुल मिला कर बीसीए में स्वयंभू सरकार है। ऐसे संघ पर बीसीसीआई को कड़ी नजर रखनी चाहिए ताकि बिहार के खिलाड़ियों का भला हो सके।