पटना, 11 नवंबर। बिहार विधान सभा के पटल पर परवत्ता विधान सभा के विधायक डा. संजीव कुमार द्वारा चयन से लेकर बाहरी खिलाड़ियों को मौका दिये जाने को नकारते हुए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन साक्ष्यों के साथ मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी और डॉ संजीव कुमार और राज्य के मद्य निषेद्य मंत्री पर कई आरोप लगाए। संवाददाता सम्मेलन को बिहार क्रिकेट संघ के मुख्य प्रवक्ता संजीव कुमार मिश्र और बीसीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन संजय कुमार सिंह ने संबोधित किया।
विदित हो कि डा. संजीव कुमार ने बीसीए पर आरोप लगते हुए विधान सभा के सदस्यों की समिति बनाकर जांच कराने का प्रस्ताव लाने का आग्रह विधान सभा में ध्यानकर्षण प्रस्ताव के जरिये किया था।

इन दोनों ने कहा कि इस सत्र में रणजी ट्रॉफी की चयन प्रक्रिया जारी है। जहां तक पिछले सत्र की बात है तो हमारी टीम प्लेट ग्रुप की चैंपियन टीम रही है और उसी शानदार प्रदर्शन के आधार पर इस सत्र में बिहार कि टीम एलीट ग्रुप में खेलने की पात्रता हासिल की है।
इन दोनों ने कहा कि डॉ संजीव कुमार खगड़िया जिला क्रिकेट एसोसिएशन से संबन्धित रहे हैं पिछले साल हुए चुनाव में खगड़िया जिला क्रिकेट एसोसिएशन के माननीय सदस्य/वोटर्स ने डॉ संजीव कुमार के अवैध नामांकन, उनके द्वारा चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने, चुनाव प्रक्रिया में लगे पदाधिकारियों एवं वोटर्स पर वेवजह दवाब डालने के आरोप लगाए गए। चुनाव प्रक्रिया के लिए नियुक्त बीसीए के पर्यवेक्षक प्रकाश कुमार सिंह ने बीसीए को अपना रिपोर्ट भेजा और उक्त चुनाव को अवैधानिक मानते हुए निरस्त किए जाने तथा डॉ संजीव कुमार के आपतिजनक व्यवहार को सही ठहराया।

खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के चुनाव में मनमर्जी ढंग से अपने को पदस्थापित करने में असफल होने पर उन्होने लगातार बीसीए पर मीडिया के माध्यम से अनर्गल आरोप लगाने का कार्य किया तथा दवाब की राजनीति करते रहे। बीसीए की आम सभा ने उनके निरंतर आपत्तिजनक व्यवहार एवं संघ विरोधी गतिविधियों के कारण छ्ह वर्षों के लिए निष्काशित कर दिया है। यह भी स्पष्ट करना उचित है कि डा. संजीव कुमार बीसीए के विरुद्ध निबंधन विभाग, पटना के जिलाधिकारी सहित विभिन्न सक्षम प्राधिकार में लगातार आवेदन / आरोप दर्ज कराते रहें हैं और जांच को अपने स्तर से प्रभावित करने का भी प्रयास किए हैं, लेकिन करीब 4 जांच समितियों के समक्ष बीसीए ने गत दो वर्षों में अपनी स्पष्टीकरण दिया है और आज तक किसी माननीय न्यायालय, उच्चस्तरीय जांच समिति अथवा प्राधिकार ने बीसीए के विरुद्ध कुछ गलत नहीं पाया।
इस संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से डा. संजीव कुमार से पूछना चाहता हू कि क्या जब तक वो बीसीए से सम्बद्ध खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे, तब तक बीसीए सही था, और जब से इनको खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के क्लबों के पदाधिकारियों के द्वारा इनको निकाल बाहर किया गया हैं तब से बीसीए में इनको अनेक कमियाँ दिखने लगी है।

बीसीए ने कहा कि मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग सुनील कुमार पूर्व में भी भ्रष्ट अधिकारी के रूप मे बदनाम रहे हैं और इनके द्वारा अपने पद पर रहते, अकूत अवैध संपत्ति अर्जित की गई है। उनके द्वारा भी एक प्लेयर अपूर्वा आनंद को खेलाने के लिए लगातार दवाब बनाया जाता है।
विधायक राजकुमार सिंह भी किसी अपने को पुत्र को खेलाने के लिए दवाब बनाते हैं, और इसके अलावा भी कई ऐसे माननीय हैं, जिनका दवाब बीसीए में चयन के लिए आता रहता है, अगर सभी नामों को सार्वजनिक कर दिया जाय तो कई लोगों के चेहरे का नकाब उतार जाएगा।
हाल में भी पटना के जिलाधिकारी के द्वारा दो जांच कमेटी का गठन कर जांच की गई है। इनके द्वारा बीसीसीआई में भी शिकायत की गई थी, वहां से भी संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया के नेतृत्व में लीगल और फाइनेंस हेड के साथ जांच कमेटी पटना आकर बीसीए की सभी पहलुओं पर जांच की और बीसीए के सभी कार्यकलापों को नियमानुकुल सही पाया। इससे संबन्धित सभी साक्ष्य पटना जिलाधिकारी के आदेश से गठित कमेटी को भी बीसीए के द्वारा हस्तगत कराया जा चुका है।

अंत मे यह स्पष्ट करना भी आवश्यक है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेशित संविधान,बीसीसीआई के दिशा-निर्देश तथा केंद्र एवं बिहार सरकार के नियम-क़ानूनों का अक्षरशः अनुपालन करती है। हम बिना जाति-धर्म, नस्ल-रंग,अमीर-गरीब,लिंग भेद अथवा किसी भी राजनीतिक दल से प्रभावित हुये बिना कार्यों को संपादित कराते हैंI बेबुनियाद आरोप तथा संस्था एवं संस्था के पदाधिकारियों की मान-हानि करने वाले ऐसे तत्वों के विरुद्ध बीसीए विधि सम्मत कारवाई करेगी। माननीय विधायक महोदय ने कल मीडिया मे कुछ आईएएस पदाधिकारी एवं मानीय न्यायाधीशों के विरुद्ध भी अनर्गल प्रलाप किया है जो उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल तथा निहायत आपत्तिजनक है।
