पटना, 10 सितंबर। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा सत्र 2024-25 में आयोजित होने वाली घरेलू क्रिकेट में भाग लेने वाली बिहार की टीमों के गठन के लिए अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सबसे पहले वीमेंस अंडर-19 क्रिकेट टीम के सेलेक्शन ट्रायल सह ट्रेनिंग कैंप की तिथि, आयोजन स्थल घोषणा कर दी और इसके लिए सेलेक्टेड प्लेयरों की लिस्ट जारी कर दी है।
लिस्ट की घोषणा दो बार की गई। पहले लिस्ट में 37 प्लेयर्स थे तो दूसरे लिस्ट में बढ़ कर यह 40 हो गया। पर सेलेक्टेड प्लेयरों की लिस्ट जारी होते ही बिहार क्रिकेट जगत में चर्चाओं का गरम है और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सेलेक्टर्स पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल उठना भी लाजिमी है क्योंकि खिलाड़ियों को अपग्रेड करने में उनके परफॉरमेंस का ख्याल नहीं रखेगा। खेलढाबा.कॉम और बिहार क्रिकेट जगत किसी भी खिलाड़ी की प्रतिभा पर सवाल नहीं उठा रहा है पर सेलेक्टरों के क्रिया कलाप पर सवाल तो उठेगा।
जिन खिलाड़ियों को अंडर-15 से अंडर-19 में अपग्रेड किया गया है क्या उनसे बेहतर या बराबर परफॉरमेंस करने वाले और खिलाड़ी अंडर-15 में नहीं थे। अपग्रेड किया गया तो उन प्लेयर्सों को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए था जिनका परफॉरमेंस अंडर-15 के मैचों में अपग्रेड किये गए खिलाड़ियों से बेहतर या उनके बराबर था।
कहीं ऐसा तो नहीं सेलेक्टरों को उन खिलाड़ियों का परफॉरमेंस चार्ट नहीं मिला। ऐसा होने की उम्मीद न के बराबर है क्योंकि वीमेंस मैचों के सारे आयु वर्ग के खिलाड़ियों का परफॉरमेंस चार्ट का पूरा सेट सेलेक्टरों को दिया गया होगा जिस पर सारे खिलाड़ियों का लेखा-जोखा होगा। कहीं ऐसा तो नहीं अपग्रेड नहीं किये गए खिलाड़ियों की वकालत करने वाला कोई नहीं था। अगर इन सबों से कोई कारण नहीं है तो कारण क्या है।
सबसे ताज्जुब की बात यह है कि बस तीन खिलाड़ी का नाम जोड़ने के लिए दूसरी लिस्ट। क्या दूसरी सूची में डाले गए खिलाड़ियों का परफॉरमेंस सेलेक्टरों को पहली लिस्ट बनाने के समय नहीं दिखा। कहीं ऐसा तो नहीं कि सेलेक्टरों ने नाम दिया और नाम टाइप ही नहीं हो पाया। बहाने अनेकों हो सकते हैं। सबकुछ छिपाने के लिए टाइपिंग मिस्टेक का बहाना सबसे सरल है।
दूसरी सूची में डाले गए एक खिलाड़ी जो मगध क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं का नाम अंडर-19 और अंडर-15 के लिस्ट में कहीं नहीं दिखा। कहीं एक बार फिर बीसीए ने टाइपिंग में गलती से मिस्टेक कर दी है। शायद लगता है यह खिलाड़ी अंडर-15 की हैं जो किसी दूसरे जिले से ताल्लुक रखती हैं और उनके जिला का नाम गलत टाइप हो गया है।
अंत में
पिछले सत्र बिहार अंडर-15 वीमेंस क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली खिलाड़ियों समेत कईयों प्लेयरों का एक साल बर्वाद होने वाला है और इसे लेकर खिलाड़ी से लेकर उनके अविभावक चिंता में हैं। इन खिलाड़ियों का आधार कार्ड के अनुसार उम्र अभी अंडर-15 के अंदर है पर पिछले साल द्वारा हुए बोन टेस्ट के अनुसार ये अब अंडर-15 खेलने के योग्य नहीं है। बोन टेस्ट के अनुसार ऐसे खिलाड़ियों का कोई कागजात पंजीकरण के समय नहीं लिया गया है। इन खिलाड़ियों के गार्जियनों का कहना है कि न तो हम इधर के रहे और न ही उधर के। अगर बीसीए द्वारा हमें या हमारे जिला संघ को बोन टेस्ट से संबंधित जानकारी पहले दे दी जाती तो हम सभी अपने खिलाड़ियों का दूसरे कैटेगरी में हाथ आजमाते। इन सबों की डिमांड है कि हमें अंडर-19 के कैंप में शामिल होने की इजाजत दी जाए। वहां अगर हमारा परफॉरमेंस अंडर-19 के लायक होगा तो हम आगे बढ़गे।