पटना, 24 अगस्त। बीसीए चुनाव 2025 सीवान जिला क्रिकेट संघ का चुनाव संपन्न होते ही बिहार क्रिकेट जगत में एक नई बहस शुरू हो गई है—क्या बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अगले प्रेसिडेंट का ‘अवतार’हो चुका है?
कहते हैं, यह अवतरित शख्सियत चुनाव प्रक्रिया के दौरान दिखे तो दिखे, वरना सीधे नतीजों के बाद ही सामने आएंगे। कुल मिलाकर समीकरण यही इशारा कर रहे हैं कि गद्दी पर अपनों को बैठाने और सत्ता पर काबिज रहने की तैयारियां पूरी रफ्तार पर हैं।
सीवान जिला क्रिकेट संघ की नवनिर्वाचित कमेटी में चार पदाधिकारियों के नाम सार्वजनिक हो चुके हैं, मगर उपाध्यक्ष पद पर अब भी रहस्य का पर्दा पड़ा है। बताया जाता है कि यह पद बीसीए की कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के एक बड़े पदाधिकारी के करीबी के हिस्से में गया है, जिसका नाम फिलहाल दबाकर रखा गया है। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अटकलें हैं—किसी का कहना है कीर्ति, तो किसी का दावा हर्षित। खेलढाबा.कॉम के सूत्रों की मानें तो असली नाम हर्षित ही है।
क्रिकेट जगत के जानकार मान रहे हैं कि प्रेसिडेंट पद के दावेदार का चेहरा तय हो चुका है, मगर यह चेहरा क्रिकेट राजनीति में कब और कैसे दिखेगा, यह सवाल बाकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नियुक्त माननीय लोकपाल की खबर के बाद विपक्षी खेमे में हलचल तेज है। पुराने अब अपने होने लगे हैं। जिन्होंने बिहार क्रिकेट में वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी वे वापसी को व्याकुल हैं। साथ ही सत्ताधारी खेमे द्वारा विरोधी गुट के ताकतबर लोगों को साधने के प्रयास को तेज कर दिया गया पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निराशा हाथ लग रही है। इस बार आर-पार की लड़ाई में विपक्षी खेमा दिख रहा है।
खैर यह तय है कि नियुक्त माननीय लोकपाल के आगमन के बाद बिहार क्रिकेट की राजनीति को और भी हिला सकता है। नए लोकपाल किन फैसलों को पलटेंगे, वोटर लिस्ट में किसे शामिल करेंगे, पुराने निर्णयों का क्या होगा—इन सभी सवालों का जवाब आने वाले दिनों में ही मिलेगा।
फिलहाल इतना तय है कि सितंबर का महीना बिहार क्रिकेट की राजनीति के लिए बेहद गरम होने वाला है। गुप्त नामों, बदलते समीकरणों और सत्ता की इस जंग ने बीसीए की तस्वीर को और धुंधला कर दिया है।
