ढाका, 14 नवंबर। भारतीय रिकर्व पुरुष तीरंदाजी टीम ने एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप 2025 में इतिहास रचते हुए 18 साल बाद स्वर्ण पदक जीत लिया। रोमांचक फाइनल में भारत ने दक्षिण कोरिया को शूट-ऑफ में 5-4 से हराकर 2009 से जारी कोरिया के दबदबे को तोड़ दिया।
यशदीप भोगे, अतनु दास और राहुल की भारतीय तिकड़ी ने 2-4 से पीछे होने के बाद शानदार वापसी की और कोरिया की दूसरी श्रेणी की टीम—सेओ मिंगी, किम येचन और जंग जिहो को हराया।
शूट-ऑफ में अतनु दास का सुनहरा तीर
शूट-ऑफ में दोनों टीमों ने 29-29 अंक बनाए, लेकिन निर्णायक शॉट में अतनु दास का तीर सेंटर के ज्यादा करीब लगा, जिससे भारत ने स्वर्ण अपने नाम किया। दास व्यक्तिगत स्पर्धा में जल्दी बाहर हो गए थे, लेकिन टीम इवेंट में दबाव में उनका प्रदर्शन निर्णायक साबित हुआ।
2007 के बाद पहला रिकर्व टीम गोल्ड
यह उपलब्धि भारतीय रिकर्व पुरुष टीम के लिए बेहद खास रही, क्योंकि टीम ने 2007 के बाद पहली बार एशियाई चैंपियनशिप में टीम इवेंट का स्वर्ण जीता। इस जीत के साथ भारत का कुल पदक आंकड़ा चार स्वर्ण और दो रजत हो गया। कंपाउंड टीम पहले ही तीन स्वर्ण और दो रजत जीत चुकी थी।

ज्योति सुरेखा वेन्नम का शानदार प्रदर्शन
कंपाउंड तीरंदाजी में भारत का दबदबा कायम रहा जिसमें ज्योति सुरेखा वेन्नम ने टीम और व्यक्तिगत दोनों मुकाबलों में स्वर्ण जीतकर शानदार दोहरा प्रदर्शन किया।
कोच राहुल बनर्जी के लिए भावुक पल
टीम के कोच राहुल बनर्जी के लिए यह जीत भावुक क्षण था। वे 2007 की स्वर्ण विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि एक कोच के तौर पर कोरिया को हराकर स्वर्ण जीतना बेहद संतोषजनक है। अगला लक्ष्य एशियाई खेलों में गोल्ड दोहराना है।
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युवा कोरियाई टीम को भी नहीं थी आसान चुनौती
हालांकि कोरिया इस बार अपने स्टार तीरंदाज किम वूजिन के बिना उतरा, लेकिन उनकी टीम में उभरती प्रतिभाएं शामिल थीं—
सेओ मिंगी (राष्ट्रीय ट्रायल टॉपर)
किम येचन (20 वर्षीय, विश्व विश्वविद्यालय खेलों की स्वर्ण विजेता)
जंग जिहो (प्रतिभाशाली युवा तीरंदाज)
बनर्जी के अनुसार ये खिलाड़ी कोरिया के टॉप 3 तीरंदाज नहीं, बल्कि चौथे, पाँचवें और छठे क्रम के खिलाड़ी थे, लेकिन चुनौती फिर भी कठिन थी।
फाइनल का पूरा रोमांच
पहला सेट: कोरिया ने 56 अंक लगाए, भारत बराबरी पर रहा।
दूसरा सेट: भारत ने एक 7 स्कोर के बावजूद 56 अंक बनाकर फिर बराबरी की।
तीसरा सेट: कोरिया ने 57 अंक बनाकर बढ़त ली।
चौथा सेट: भारत ने लगातार 10 अंक वाले तीरों से शुरुआत कर 57-53 से सेट जीता।
मैच 4-4 से बराबर होने पर मुकाबला शूट-ऑफ में गया और भारत ने शानदार निशानेबाजी से खिताबी सूखा खत्म किया।