कुन्दन श्रीवास्तव
ये कहर बनकर निकला और गेंदबाज़ी की धज्जियां उड़ा कर रख दी इसने। क्रिकेट के मैदान पर वैसे तो तूफ़ान उठते ही रहते हैं मग़र यह एक ऐसा तूफ़ान था जिसे शायद ही पहले किसी ने देखा होगा। इस बैटर के शॉट्स के ग़ुबार में गेंद का भी अता-पता नहीं चला आज़। आकाश कुमार चौधरी नाम के इस युवा खिलाड़ी ने रणजी के मैदान पर अपने बल्ले से वह धमाका कर दिया, जिसने मेघालय क्रिकेट की पहचान को एक नई ऊँचाई दे दी। सूरत के सी.के. पिठावाला स्टेडियम की पिच और अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाज़ों का कोई दोष नहीं था । हां ,दोष अगर था, तो आकाश की उस बेबाक बैटिंग का, जिसके अंदर यक़ीन,जोश और बेधड़क इरादे एक साथ सिमट आए थे।
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जब उन्होंने मैदान पर क़दम रखा, तब मेघालय का स्कोर पहले ही 600 के पार पहुँच चुका था। मैच लगभग तय दिशा में जा चुका था, मग़र जो आगे हुआ, उसने क्रिकेट इतिहास के पन्नों पर सुनहरी इबारत लिख दी। महज़ ग्यारह गेंदों में फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सबसे तेज़ अर्धशतक जड़कर आकाश ने सबको हैरान कर दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के वेन व्हाइट के नाम था, जिन्होंने बारह गेंदों पर फिफ्टी ठोकी थी। आकाश ने वह रिकॉर्ड एक गेंद पहले तोड़ दिया और एक नए अफ़साने की शुरुआत कर दी।
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उनकी यह पारी किसी झोंके की तरह आई और तूफ़ान बनकर गेंदबाजों की दुनिया को तहस-नहस कर गुज़र गई। उन्होंने केवल चौदह गेंदें खेलीं, कोई चौका नहीं, सिर्फ़ आठ छक्के और उन्हीं की बदौलत 50 रन पूरे कर दिए। सबसे अद्भुत लम्हा वह रहा, जब उन्होंने अरुणाचल के गेंदबाज़ लीमर डाबी के एक ही ओवर में लगातार छह छक्के जड़ दिए। स्टेडियम में हर कोई सन्न था, और उस सन्नाटे में गूँज रही थी आकाश के बल्ले की आवाज़ ,एक ऐसी आवाज़, जो किसी भी उभरते बैटर की बैटरी बन सकती है। उसकी यह पारी गैरी सोबर्स और रवि शास्त्री की फ़ेहरिस्त में अपना नाम भी जोड़ गया ।
