लिस्बन (पुर्तगाल)। किंग्सले कोमैन के 59वें मिनट में किये गये गोल की मदद से बायर्न म्यूनिख ने रविवार को यहां चैंपियन्स लीग फुटबॉल टूर्नामेंट के दर्शकों के बिना खेले गये पहले फाइनल में पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) को 1-0 से हराकर छठी बार यूरोपीय कप का खिताब जीता।
2013 के बाद बायर्न का पहला खिताब
बायर्न की चैंपियन्स लीग में यह 2013 के बाद पहली खिताबी जीत है, जबकि पिछले नौ वर्षों में खिलाड़ियों पर एक अरब डॉलर से भी अधिक धनराशि करने के बावजूद पीएसजी को अब भी अपने पहले यूरोपीय कप का इंतजार है। पीएसजी ने नेमार, काइलिन मबापे और एंजेल डि मारिया पर 50 करोड़ डॉलर से भी अधिक धनराशि खर्च की है और उसकी टीम बायर्न के सामने मजबूत दिख रही है।
नेमान,काइलिन और मारिया नहीं दिखा सके कमाल
ये तीनों महंगे खिलाड़ी अग्रिम पंक्ति में कोई जादू नहीं दिखा पाये। दूसरी तरफ पेरिस में जन्में और पीएसजी से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले विंगर कोमैन ने अपनी इस पूर्व टीम को करारा झटका दिया।
हेड के सहारे कोमैन ने किया गोल
चौबीस वर्षीय कोमैन के आसपास तब पीएसजी का कोई रक्षक नहीं था लेकिन वह जोशुआ किमिच का क्रास लेने के लिये तैयार थे। कोमैन ने उसे हेडर से गोल में पहुंचाने में कोई गलती नहीं की। यह गोल आखिर में निर्णायक साबित हुआ। यह चैंपियन्स लीग में बायर्न म्यूनिख का 43वां गोल था। अपने इस अभियान में बायर्न पहली ऐसी टीम बनी जिसने चैंपियन्स लीग के अपने सभी 11 मैच जीते।
लिवरपूल तीसरे नंबर पर रहा
इसके साथ ही सत्र का समापन भी हो गया। कोरोना वायरस महामारी के कारण हालांकि इसमें तीन महीने की देरी हुई। बायर्न म्यूनिख के लिये यह सत्र शानदार रहा। उसने लगातार आठवीं बार बुंदेसलीगा ट्राफी जीती और जर्मन कप भी अपने नाम किया था। बायर्न सर्वाधिक बार चैंपियन्स लीग का खिताब जीतने के मामले में लिवरपूल के साथ संयुक्त तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। अब रीयाल मैड्रिड (13) और एसी मिलान (सात) ही उससे आगे हैं।
हार के बाद रोने लगे थे नेमार, तो मबापे बैठे रहे उदास
नेमार और काइलिन मबापे पीएसजी की बेंच पर अगल बगल में बैठे थे। मबापे के चेहरे पर मायूसी साफ दिख रही थी जबकि नेमार अपने आंसू नहीं रोक पाये और उन्होंने अपना मुंह ढक दिया।
मिले मौकों को दोनों खिलाड़ियों ने गंवाया
मबापे और नेमार दोनों को पहले हाफ में मौके मिले लेकिन वे उसका फायदा नहीं उठा पाये। दूसरे हाफ में तो वे किसी भी समय अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाये। बायर्न ने 59वें मिनट में बढ़त हासिल कर ली थी और पीएसजी को वापसी दिलाने का जिम्मा इन दोनों खिलाड़ियों पर था।
क्या कहा पीएसजी के कोच थॉमस टचेल ने
पिछले कुछ सप्ताहों में हमने वह सब कुछ किया जो जीत के लिये जरूरी होता है। फुटबॉल में आपको यह स्वीकार करना होगा कि भाग्य भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। हमारे पास मौके थे लेकिन हम गोल नहीं कर पाये, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि यह किसी की गलती है।